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प्रेम का सौन्दर्य

मधु टाक
इंदौर मध्य प्रदेश

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प्रेम जज्बा है दिलों का
मिलन है रूहो का
कुछ पलों का आकर्षण नहीं
गूढ़ता लिये है चाहतों का

सीप में मोती का बनना
बागों में कलियों का खिलना
प्रेम की कोई सीमा नहीं
मूरत में श्रद्धा की होना

कृष्ण की मुस्कान है प्रेम
राधा का देदीप्यमान है प्रेम
प्रेम की कोई बंदिश नहीं
मज़हब का इमान है प्रेम

प्रेम पलकों पेे सजता है
नयनो से झलकता है
लबों पे तरन्नुम लिये
बन रागिनी बज उठता है

सुदामा का स्वाभिमान है
आत्मा का अभिमान है
सब विधाओं से अलग
अध्यात्म का सोपान है

मीरा की आन है
द्रोपदी का सम्मान है
भक्ति और शक्ति का सूचक
सौन्दर्य का प्रतिमान है

“मधु” से मधुर ध्यान है प्रेम
माँ का दिया ग्यान है प्रेम
आत्मा को परमात्मा से मिला दे
पूजा का ऐसा विधान है प्रेम

परिचय :-  मधु टाक
निवासी : इंदौर मध्य प्रदेश
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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