Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

खूबसूरती बसी है तुझमें

अंजना झा
फरीदाबाद हरियाणा

********************

जिंदगी कितनी खूबसूरती बसी है तुझमें
आलिंगनबद्ध हैं तुझसे तेरे हर स्वरूप में
सत्य से परे बंधे हैं मोह के अटूट बंधन में
आशा और आकांक्षा के भ्रमित संसार में।

हमें लुभाती रहती है तू सदा हर रूप में
कभी पूजा की पवित्र सजी हुई थाली में
कभी मद से भरे उस गर्मागर्म प्याली में
डूबते रहते हैं सदा झूठ की खुशहाली में

कभी सराबोर होली के रंगबिरंगे रंगों में
कभी दीपावली के प्रज्ज्वलित दीप में
कभी रमज़ान के पश्चात ईद के चांद में
कभी ईश के झिलमिलाते क्रिसमस में।

कभी बसंत के मदमस्त पुरवाईयों में
कभी पतझड़ के सूखे हुए उन पत्तों में
कभी गर्मी की उमसपूर्ण उन थपेड़ों में
कभी शीत की कंपकंपाती हवाओं में ।

क्यों ऐ जिंदगी हम डूब गए हैं तुझमें
बंधी हो तुम सांसों की कच्ची डोर में
झूठ और सच के क्षीण से आवरण मे
बेगाना कर देता जो तुझसे इक पल में।

.

परिचय :-  नाम : अंजना झा
माता : श्रीमती फूल झा
पिता : डाक्टर बद्री नारायण झा
जन्म तिथि : ६ अगस्त १९६९
जन्म स्थान : पटना
अंजना झा मूलतः बिहार की निवासी हैं। आपने मनोविज्ञान में एम.ए. किया है। पूर्व में आर्मी पब्लिक स्कूल में शिक्षिका रही हैं। आप कुछ समय आनलाइन पत्रिका साहित्य लाइव में संपादिका पद पर भी रह चुकी हैं। आपकी रुचि लघुकथा और काव्य लेखन में है। आपकी रचनाएँ हिंदी रक्षक मंच
(hindirakshak.com) व अन्य पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहीं हैं।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *