Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

बेवजह तुम हमसे यूं …

वीणा वैष्णव
कांकरोली

********************

बेवजह तुम हमसे, यूं ना तकरार किया कीजिए।
कसम से मर जाएंगे, एक बार मुस्कुरा दीजिए।।

बेवजह दिल पर बोझ रख,ना तुम जिया कीजिए।
हम आपके अपने हैं, मन की बात बता दिजिए।।

गैर नजर बचा तुम, हमसे मिल लिया कीजिए ।
नजर लग जाएगी, थोड़ा पर्दा रखा कीजिए।।

वजह ना हो तो, बेवजह मिल लिया कीजिए।
करते हैं तुमसे प्यार, वजह ना ढूंढा कीजिए।।

दिल ए दर्द गजल गा, बेवजह शर्मिंदा ना कीजिए।
आ जाएंगे मिलने, बस एक इशारा कर दीजिए।।

जीने की हमें, आप कोई एक वजह तो दीजिए।
यूं ही सरेआम हमें, बदनाम ना किया कीजिए।।

वजह की तलाश में, जिंदगी बर्बाद ना कीजिए।
अपनों संग आ, हमें बस कबूल कर लीजिए।।

बेवजह वजह मिले, आप जिंदगी रंगीन कीजिए।
हासिल जहां की खुशियां, जिंदगी वजह दीजिए।।

.

परिचय : कांकरोली निवासी वीणा वैष्णव वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय फरारा में अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। कवितायें लिखने में आपकी गहन रूचि है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak manch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *