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बापू का सपना

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मनोरमा जोशी
इंदौर म.प्र.

आओ मिलकर करें संकल्प,
राम राज्य फिर लायेगें,
बापू के जो स्वपन अधूरे
हम साकार बनायेगें।

गाँव बनें सब राज दुलारे,
चमकें जैसे नभ के तारे,
लड़े न झगड़े आपस मे हम,
भेद भाव सब ढा़येगें।
छुआ छूत न भेद भाव हो,
जनमन के मन प्रेम भाव हो,
स्नेह सने आपस में दिखें
मिल सद भाव जगायेंगे।
बापू के जो स्वपन अधूरे,
हम साकार बनायेगें।

राम राज्य का पावन मेला
भर जाये घर घर यह मेला,
सुख संपन्न रहे जन जीवन,
ऐसे जतन जुटायेगें।
सत्य अहिंसा दिन दूनी हों
फूले फले नहीं जूनी हो,
ये सब तो सिद्धांत अमर हैं,
जग को पाठ पढ़ायेंगे।
बापू के जो स्वपन अघूरे,
हम साकार बनायेगें।

प्रातः भजन राम और सीता,
संध्या में रामायण गीता,
रघुपति राघव राम भजन से,
मोक्ष धाम पा जायेगें,
बापू के जो स्वपन अधूरें
हम साकार बनायेगें।

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लेखिका का परिचय :-  श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है।
शिक्षा – स्नातकोत्तर और संगीत है।
कार्यक्षेत्र – सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी का प्रकाशन होता रहा है। राष्ट्रीय कीर्ति सम्मान सहित साहित्य शिरोमणि सम्मान और सुशीला देवी सम्मान प्रमुख रुप से आपको मिले हैं। उपलब्धि संगीत शिक्षक, मालवी नाटक में अभिनय और समाजसेवा करना है। आपके लेखन का उद्देश्य-हिंदी का प्रचार-प्रसार और जन कल्याण है। कार्यक्षेत्र इंदौर शहर है। आप सामाजिक क्षेत्र में विविध गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं। एक काव्य संग्रह में आपकी रचना प्रकाशित हुई है।

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