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बरगद की छांव

प्रीति शर्मा “असीम”
सोलन हिमाचल प्रदेश

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मां-बाप
बरगद की छांव,
से होते है।

जिंदगी देते है।
और जिंदा ,
रखने के लिए,
अपनी टहनियों को,
अपनी जड़ें तक दे देते है।

मां बाप बरगद की,
छांव से होते है।

उनकी घनी छाया में,
सारा परिवार,
पल जाता है।

जो भी आता,
बड़े प्यार से,
खुली बांहों में,
समेट लिया जाता है।

मां-बाप
बरगद की छांव,
से होते है।

कोई भेद-भाव नही,
बच्चों को अपनी,
जड़ों से,
मजबूती का,
स्तम्भ दिये रहते है।

जिंदगी के साथ,
जिंदगी के बाद भी,
जड़ों और टहनियों से,
जुड़े रहते है।

मां-बाप,
बरगद की छांव से,
हमेशा हरे रहते है।

परिचय :- प्रीति शर्मा “असीम”
निवासी – सोलन हिमाचल प्रदेश


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