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अटल बिहारी

धीरेन्द्र कुमार जोशी
कोदरिया, महू जिला इंदौर म.प्र.

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वाराणसी के प्रसिद्ध सितारवादक पण्डित शिवनाथ मिश्र नए राग “राग अटल” पर एलबम बनाने जा रहे हैं। उक्त एलबम में मेरी इस कविता को भी स्थान मिला है … जिसका विमोचन २५ दिसंबर को बनारस में होगा।

अटल बिहारी।
सप्त सुरों में हम गाएं यशगान सदा।
अटल-अमर-अक्षय होवे सम्मान सदा ।

बचपन से ही होनहार थे अटल बिहारी।
रखते थे अद्भुत अनुपम प्रतिभाएं सारी।
छुटपन से ही नित नूतन प्रतिमान गढ़े।
निज गौरव के नवल प्रखर सोपान चढ़े।
निस्पृह, निर्मल नहीं रखा अभिमान सदा।

सरल, सहज, साहसी, सदा ही सुफल सफल थे।
राजनीति के दलदल के वे नीलकमल थे।
थे सरस्वती के वरद पुत्र, ओजस्वी वाणी।
दृढ़ प्रतिज्ञ, साहसी, कर्म उज्ज्वल परिमाणी।
था व्यक्तित्व निराला देव समान सदा।

जब पंतप्रधान हुए भारत का मान बढ़ाया।
भारत भू की कीर्ति ध्वजा को गगन दिखाया।
उनकी महिमा का युग युगंत तक श्रवण करें।
हम भारत वासी नित चरणों में नमन करें।
थे भारत मां की परम श्रेष्ठ संतान सदा।

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परिचय :- धीरेन्द्र कुमार जोशी
जन्मतिथि ~१५/०७/१९६२
जन्म स्थान ~ महू ज़िला इन्दौर (म.प्र.)
भाषा ज्ञान ~ हिन्दी, अंग्रेज़ी, उर्दू, संस्कृत
शिक्षा ~एम. एससी.एम. एड.
कार्यक्षेत्र ~ व्याख्याता
सामाजिक गतिविधि ~ मार्गदर्शन और प्रेरणा, सामाजिक कुरीतियों और अंधविश्वास के प्रति जन जागरण। वैज्ञानिक चेतना बढ़ाना।
लेखन विधा ~ कविता, गीत, ग़ज़ल, मुक्तक, दोहे तथा लघुकथा, कहानी, नाटक, आलेख आदि। छात्रों में सामान्य ज्ञान और पर्यावरण चेतना का प्रसार।
प्रकाशन ~ नईदुनिया, दैनिकभास्कर, पत्रिका और हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित, आकाशवाणी, दूरदर्शन से प्रसारण।
प्राप्त सम्मान-पुरस्कार ~ हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) द्वारा हिंदी रक्षक २०२० राष्ट्रीय सम्मान एवं विभिन्न प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्थानों द्वारा अनेकानेक सम्मान व अलंकरण प्राप्त हुए हैं।
विशेष उपलब्धि ~ शिक्षा के क्षेत्र में राज्यस्तरीय प्रशिक्षक।
लेखनी का उद्देश्य ~ राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समरसता, पर्यावरण चेतना, नारी सम्मान जनजागरण ,व्यक्तिगत सर्वांगीण विकास।
पसंदीदा हिन्दी लेखक ~ गोपालदास नीरज, रामधारी सिंह दिनकर, प्रेमचंद, शिवमंगल सिंह सुमन, कुमार विश्वास।
विशेषज्ञता ~ मैं सदैव स्वयं को विद्यार्थी मानता आया हूँ।
देश के प्रति आपके विचार ~
जहाँ कंकर-कंकर शंकर,जहां है कणकण में भगवान।
स्वर्ग से भी ज्यादा सुंदर, हमारा प्यारा हिंदुस्तान।
घोषणा पत्र : प्रमाणित किया जाता है कि रचना पूर्णतः मौलिक है।


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