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नाराज हो मुझसे

होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा

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खपा-खपा लगते हो,
बस शिकायत तुझसे,
मुंह चिढ़ा बात करते
क्यों नाराज हो मुझसे?

बस यूं ही बात करते,
फुरसत क्षणों में तुझसे,
वादों पर खरा उतरा हूं,
क्यों नाराज हो मुझसे?

कभी झगड़ा ना हुआ,
शिकायत नहीं तुझसे,
बातें नहीं कर रहे हो,
क्यों नाराज हो मुझसे?

कभी दिल दुखाया ना,
हँसकर बातें की तुझसे,
मुंह फेर लेते मिलने पर,
क्यों नाराज हो मुझसे?

साथ-साथ चलते आये,
दूर ना हुये कभी तुझसे,
बातें करना गवारा नहीं,
क्यों नाराज हो मुझसे?

जब भी कष्ट मिला है,
पुकारा बस मैंने तुझको,
पर अब वो बात नहीं,
क्यों नाराज हो मुझसे?

साथ खाना खाया हमें,
खपा नहीं कभी तुझसे,
तुम अलग राह चलती,
क्यों नाराज हो मुझसे?

रात दिन तुझे चाहा था,
मुहब्बत बड़ी थी तुझसे,
दूर-दूर छुपकर रहते हो,
क्यों नाराज हो मुझसे?

खेल अधूरा छोड़ों ना,
यह प्रार्थना बसु तुझसे,
अच्छा नहीं लगता यह,
क्यों नाराज हो मुझसे?

जग तमाशा देख रहा,
यकीन बड़ा था तुझसे,
जग तमाशा बन चुका,
क्यों नाराज हो मुझसे?

मन में बहुत इतराते थे,
पाकर प्यार बस तुझसे,
वादे सारे तोड़ दिये हैं,
क्यों नाराज हो मुझसे?

कोई किसी का नहीं हैं,
यह समझाता मैं तुझसे,
आकर मुझको आजमा,
क्यों नाराज हो मुझसे?

बहुत बेदर्द जमाना हो,
यकीन मिला था तुझसे,
बस खाक छान रहे हैं,
क्यों नाराज हो मुझसे?

जिंदगी आनी जानी है,
पर दर्द मिला है तुझसे,
अब ना और मुझे सता,
क्यों नाराज हो मुझसे?

नाराजगी अब दूर कर,
फिर गले मिलूं तुझसे,
बांहों में बस आ जाना,
क्यों नाराज हो मुझसे?

परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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