Friday, November 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

फ़िर से शेर दहाड़ा है

====================================

रचयिता : डॉ. बी.के. दीक्षित

काश्मीर की घाटी में फ़िर से शेर दहाड़ा है।
आतंकी बिल में छुपे हुए है,ढंग से उन्हें पछाड़ा है।

कल तक जो गुर्राती थी,हाथ जोड़ कर कहती है।
घर में हो गई नज़रबन्द, आंखों से नदिया बहती है।

भौंक रहे हैं नहीं कहीं भी,,,,,श्वान आज कश्मीर में।
स्वाद नहीं आ रहा उन्हें अब पकवानों या खीर में।

घोर विरोधी भी होकर जो ,,,,,,,एक साथ गुर्राते थे।
नफ़रत फ़ैलाकर नेता,,,, वो देशभक्त कहलाते थे?

खुद की संतानों को जिनने,,, बड़ा किया विदेशों में।
खौफ़ जहर की खेती करके,फ़सल उगाई खेतों में।

हिन्दू मुस्लिम कभी न लड़ते,लड़ती सदा सियासत है।
चैन अमन अब लौटेगा,,,,,,क्यों कहते हो आफ़त है?

अमित शाह, मोदी जी की जोड़ी के हाल निराले हैं।
पहली बार लगा है सबको,,,ये भारत के रखवाले हैं।

पैंतीस ए तो ख़त्म हो गई,राज्य केंद्र के आधीन हुआ।
पूरी तरह कश्मीर हमारा,समझो आज विलीन हुआ।

है लद्दाख राज्य अलहदा,जय जय जय जयकार हुए।
पापी नेताओं के बिजू,,,,,,,मनसूबे सब बेकार हुए।

परिचय :- डॉ. बी.के. दीक्षित (बिजू) आपका मूल निवास फ़र्रुख़ाबाद उ.प्र. है आपकी शिक्षा कानपुर में ग्रहण की व् आप गत 36 वर्ष से इंदौर में निवास कर रहे हैं आप मंचीय कवि, लेखक, अधिमान्य पत्रकार और संभावना क्लब के अध्यक्ष हैं, महाप्रबंधक मार्केटिंग सोमैया ग्रुप एवं अवध समाज साहित्यक संगठन के उपाध्यक्ष भी हैं।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *