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राहत की एक सांस

माधुरी व्यास “नवपमा”
इंदौर (म.प्र.)

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लगातार तीसरे वर्ष जब वर्षा तो कम थी पर बिजली का चमकना,बदल का गरजना, बारिश का गुस्सा खा-खाकर बरसना और थोड़ी देर में सब शांत हो जाना। प्रकृति का ऐसा रूप कभी नहीं देखा था, वो भी भादौ माह में!आठ दिन से बारिश बन्द थी। “अरे! ये क्या? कितने खतरनाक बदल घिर आये। अंधेरा हो गया। मीरा बोली। उसकी सखि स्कूल से घर के लिए निकलने को अपना समान सम्हाले बोली- “अभी तो चार ही बजे है, देखो बिजली और बदल कैसे गुस्से में है? जोरदार बिजली कड़की मीरा ने दोनों हाथों से कान बन्द कर लिए। छुट्टी के बाद स्कूल पूरा खाली हो चुका था, टीचर्स बस में बैठे, बस चल पड़ी। साथ ही वर्षा का रौद्र रूप पूरे रास्ते देखा, पच्चीस मिनिट में नाले पूर आ गए, सड़को पर तेजी दे पानी चढ़ गया। मोबाइल की घण्टी बजी- “हेलो बेटा, मीरा के बेटे का फोन था। मैं बस दस मिनिट में अपने घर के स्टॉप पर पहुँच जाऊँगी। “बेटा बोला- “हाँ मम्मा कॉलोनी कि सड़क और नाला भर गया है मैं आपको लेने सड़क तक आ जाता हूँ।”
बस में टीचर्स आपस मे बाते कर रहें थे- “मौसम चक्र में बदलाव के कारण विगत दो वर्षों से वर्षा का ऐसा रूप नहीं देखा। “कोई कह रहा था-“अब बारिश से बचाव के प्रति हम भी कितने लापरवाह हो गए हैं ना! छाते और रेनकोट तो जैसे भूल ही गए हैं। “बदल गरज रहे थे,बिजली खतरनाक चमक रही थी, बरखा रानी पूरे गुस्से से बरस रही थी। मीरा की धड़कन बढ़ रही थी, वो बस के अंदर भी पसीने से भीग रही थी, घबराहट उसके मुख पर स्पष्ट दिखाई दे रही थी। बस का स्टाप आने को था। ड्राइवर बोला- “मैडम आपको मेन रोड पार करने में परेशानी होगी तो आज कॉलोनी की सर्विस रोड पर ले चलता हूँ। “बस रुकी,सहेली ने पूछ- “मैं चालू तुम्हारे साथ! “मीरा ना कहते हुए बस से उतर गई। दो मिनिट की दूरी पर ही उसका घर था। अभी एक मिनिट की दूरी भी पार नहीं कि थी कि सड़क पर लगे बिजली के डीपी पर आसमानी बिजली टूट पड़ी! मीरा से आधे मिनिट की दूरी पर जोरदार धमाके के साथ आग लगी, धमाके के साथ ही वह पीछे ढिलक गई वहाँ मकान के बाहर खड़ी कार से टकराई और उसी के सहारे सम्हल गई। उसी वक़्त मकान से आँटी ने बाहर झाँका बोली- “बेटी अंदर आओ जल्दी।” मीरा उस पोर्च में चली गई। ईधर धमाके की आवाज से बेटा बोहोत बेचैन हो उठा, आग लगी डीपी उसे दिखाई दे रही थी। उस वक़्त वो गाड़ी स्टार्ट ही कर रहा था। एक अनहोनी की शंका माँ के लिए बेटे के मन मे और इधर बेटे के लिए माँ के मन मे कौंध गई। सड़क पर पहुँच माँ को घर मे सुरक्षित और सड़क पर बेटे को सलामत आते देख दोनो ने राहत की साँस ली। बेटा आँटी को धन्यवाद देकर मीरा को घर ले आया।

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परिचय :- माधुरी व्यास “नवपमा”
निवासी – इंदौर म.प्र.
सम्प्रति – शिक्षिका (हा.से. स्कूल में कार्यरत)
शैक्षणिक योग्यता – डी.एड ,बी.एड, एम.फील (इतिहास), एम.ए. (हिंदी साहित्य)


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