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एक वाक्या

माधवी तारे
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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गंगाराम का बुड्ढा
लोगों, यकायक गया
और सारे गाँव में एक ही
हल्ला हुआ
ऐसा कैसे गया
कल तो देखा था
सिपहिया के डर से
लोगों ने फटाफट बाँध-बूँध के
शमशान घाट लाया
वहाँ एक ने पूछा
अरे टोकन लिया कि नहीं
जाओ पहले टोकन ले आओ
यह अंतिम संस्कार
का मामला है
ये राशन की दुकान है
या वैक्सीन के
लिए जैसे लगी लाईन हैं
अरे देखो ना कितनी
लंबी कतार लगी है
आपके नाम की पुकार होगी
तो लाश को अंदर ले आना
जैसे ही गंगाराम की पुकार हुई
उसने लाश अंदर लाई
जैसे ही लकड़ी की आँच लगी
लाश उठके बैठ गई
भूत-भूत कहकर जनता भाग गई
किसी की चप्पल निकल गई
किसी की धोती काँटों में अटक गई
भूत ने है पकड़ी
समझ कर वो आदमी वैसे ही
गाँव की तरफ आ गया
बुड्ढा भी उसके पीछे-पीछे
गाँव आ गया
दूर एक पेड़ के नीचे
बुढिया आँसू बहा रही थी
बुड्ढा उसके पास आया
बोला अब काहे रो रही
मैं आ गया हूँ ना लौट के
बैठ जा बताता हूँ तुझे
स्वर्ग के किस्से
यमदूत हाथ पकड़ कर
मुझे यमराज के सामने
नर्क में ले आया
वहाँ का नजारा देखके
तो मैं घबरा गया
जैसे यमराज ने देखा और बोला
यह कौन आफत ले आया
अरे यहाँ तो तिल के बराबर
जगह भी नहीं है खाली
पूर्व के नेता और कोरोना
संक्रमितों ने यहाँ पर
पहले ही भीड़ लगाई,
हाँ पर स्वर्ग में थोड़ी जगह हो
सकती है खाली
फिलहाल उसे वहाँ ले जाओ
नहीं तो भेज दो पुनः खाली (नीचे पृथ्वी पर)
यमदूत ने पकड़े हाथ
पहुँचा बुड्ढा स्वर्ग
वहाँ मुस्कुराते हुए गाँधी बाबा दिखे
तुम वर्धा (आर एसएस) के दिखते हो
तुम्हारी दारु की बास मैंने
पहचानी पहलवान लगते हो
मैंने कहा काहे का पहलवान
राशन का अनाज खाके कौन
हो सकता है भला पहलवान
आगे गया
जय जवान जय किसान
का नारा सुनाई दिया
हाथ जोड़कर
और आगे बढ़ाया कदम
एक कुर्सी देखी नरम,
बैठना चाहा तो लोग
हो गए गरम
अरे ऊपर लगी पढ़ो पर्ची
मोरारजी देसाई
की है यह कुर्सी।
बाद की कुर्सी पर देखा कमल
समझ गया मैं यह है अटल
उसके बाद की कुर्सी का जानने चला राज
तो इस पर बैठती है सुषमा स्वराज
कुछ दूरी पर इटली का पिज़्ज़ा और
सजा कर रखी थी एक इटली की केटली
लोग बोल रहे थे राहुल जी की
चेतली भाजपा आने के पहले ही
अपने वालों के लिए
यह जगह सुरक्षित रख ली।

परिचय :- माधवी तारे
निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)


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