डॉ. भोला दत्त जोशी
पुणे (महाराष्ट्र)
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स्वार्थ में वे बन गए दानव,
इंसान के किरदार में
व्यर्थ ही वे लोगों को घसीटते,
अपने अत्याचार में।
खूनी खेल को वे खेल रहे हैं,
देखो भरे बाज़ार में
गीदड़ भभकी पहले फिर
भेजें पुलिस की मार में।
झूठ बोल ढिंढोरा पीटकर,
थोड़ी सफलता पाई है
खुद खड़े हैं हाशिए पर,
झूठा प्रचार अखबार में।
बड़ी उम्मीदें बांट रहे थे कि
मंजिल तक पहुंचाएंगे
यों जनता को छोड़ चले वे
कष्ट भरे मझदार में।
झूठ लंबी उड़ान नहीं भरता
अतः नि:शब्द हो बैठा
असत्य पकड़ा गया तो
नौटंकी कर रस्सी सा ऐंठा।
कितने वर्षों तक बहकाया
अब बहकाना बंद करो
काम करने दो, कुछ सीखो
अब पगलाना बंद करो।
सदियों बाद कोई नायक मिला
उसे देशार्थ जीने दो
विकास-सीढियां देश चढ़ रहा
उसे सीढ़ी चढ़ने दो।
आधारशिला रखी है अब
देश पटरी पर आ रहा है
पटरी संग साजिश न करवाओ
देश को आगे बढ़ने दो।
घर-घर चूल्हे गैस दिए
कच्चे मकान पक्के बनवाए
बिजली देकर रोशन घर
आयुष्मान से इलाज़ किए।
मृदाकार्ड से मृदा संरक्षण
खाद प्रंबधन नेक किए
साजिशों को नाकाम कर
उन्नत किस्म बीज दिए ।
किसान को हर मदद,
संग पेंशन उनकी शुरू हुई
खातों में धन जमा हुआ
जनधन से यों जोड़ दिए।
स्वच्छता हेतु प्रसाधन
आसपास क्षेत्र साफ़ किए
सड़कों में सुधार किया है
जनजीवन आसान किए।
दोगुनी रफ़्तार से मार्ग बने
विमानपत्तन बहु किए
गगनचुंबी अनेक सेतु बन
असंभव सब संभव हुए।
अंतरिक्ष यान बहु छोड़े,
अन्यों के यान भी उड़ा दिए
मंगल ग्रह पर पैठ बनाई व
चंद्रयान तैयार किए ।
भ्रष्टाचार के पर कतरे
डिजिटल हेतु कदम उठाए
घूसखोरी मुंह छिपा रही
घूसखोर अब कुपित हुए।
योग देश की विरासत है
उसे जगत में मंच मिला
विश्व को स्वास्थ्य की
सौगात देशवासी खुश हुए।
देश का मन खुश हुआ
धनार्जन के अवसर मिले
विश्व में भारत की साख बढ़ी
जन सब गदगद हुए।
प्रयाग में जग बुलाकर
संस्कृति से रूबरू किए
भारत को विश्वगुरु बनाने की
प्रक्रिया को शुरू किए।
सर्वोच्च एकता प्रतिमा बना
एकता को मान दिया
समत्वभाव प्रचार कर
सबका विश्वास जीत लिया।
सबका साथ सबका विकास
सबका विश्वास नारा
मूलभूत सुविधाएं देकर
लूट लिया जनदिल सारा।
आओ देशवासियो चलो
विकास पुरुष का साथ दें
अति स्वार्थ को छोड़ दें
समग्र विकास को थाम लें।
देश रक्षित तो हम रक्षित
देश दामन हम थाम लें
आओ देश प्रथम रखकर
समय की मांग भांप लें।
परिचय :- डॉ. भोला दत्त जोशी
निवासी : पुणे (महाराष्ट्र)
शिक्षा : डी. लिट. (केंद्रीय मध्य अमेरिकी विश्वविद्यालय, बोलिविया)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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