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यादों का गुलदस्ता …

राजेश कुमार शर्मा “पुरोहित”
भवानीमंडी (राज.)

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मिसाइल मेन देश के प्रसिद्ध अभियन्ता व भारत के पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम साहब का जन्म १५ अक्टूबर १९३१ को धनुष कौड़ी ग्राम रामेश्वरम तमिलनाडु में हुआ था। वे एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में जन्मे थे। इनके पिताजी मछुआरों को नाव किराये पर देने का काम करते थे। इनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन अधिक पढ़े लिखे नही थे। अब्दुल कलाम सयुंक्त परिवार में रहते थे। संयुक्त परिवार में सदस्य कितने थे इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि कलाम साहब के पांच भाई व पांच बहने थी घर मे तीन परिवार रहा करते थे। अब्दुल कलाम पर इनके पिताजी का बहुत प्रभाव पड़ा। वे चाहे पढ़े लिखे नहीं थे लेकिन उनके दिए संस्कार उनके काम आए। पांच वर्ष की आयु में कलाम को रामेश्वरम की पंचायत के प्राथमिक विद्यालय में भर्ती कराया गया। उनके शिक्षक सोलोमन ने उनसे कहा था कि सफलता तथा अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए तीव्र इच्छा आस्था अपेक्षा इन तीन शक्तियों को भलीभांति समझ लेना और उन पर प्रभुतव स्थापित करना चाहिए बचपन मे उनके शिक्षक पक्षी के उड़ने के तरीके सीखा रहे थे इन्ही पक्षियों को देखकर कलाम ने तय कर लिया था कि उनको भविष्य में विमान विज्ञान में ही जाना है। वे गणित की ट्यूशन सुबह चार बजे पड़ने जाते थे। अब्दुल कलाम ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए अखबार वितरित करने का काम भी किया था।
१९५० में इन्होंन अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से प्राप्त की। बाद में हावर क्राफ्ट योजना में काम करने हेतु भारतीय रक्षा अनुसंधान एवम विकास संस्थान में प्रवेश किया।
१९६२ में उन्होंने कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजना में काम किया। परियोजना निदेशक के रूप में भारत के प्रथम उपग्रह प्रक्षेपण यान एस एल वी ३ के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जुलाई १९८२ में रोहिणी को अंतरिक्ष मे प्रक्षेपित किया गया ये कलाम साहब की देन है।इसरो लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम को परवान चढ़ाने का श्रेय इन्ही को जाता है स्वदेशी लक्ष्यभेदी प्रक्षेपात्र गाइडेड मिसाइल्स को इन्होंने ही डिजाइन किया था।
कलाम जुलाई १९९२ से दिसम्बर १९९९ तक रक्षा मंत्री के विज्ञान सलाहकार तथा सुरक्षा शोध और विकास विभाग के सचिव रहे। पोखरण में परमाणु परीक्षण परमाणु ऊर्जा के साथ मिलाकर किया। इस प्रकार भारत ने परमाणु हथियार के निर्माण की क्षमता प्राप्त करने में सफलता मिली।
कलाम ने भारत के विकास स्तर को २०२० तक विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक करने के लिए एक विशिष्ट सोच प्रदान की जिसे विजन २०२० नाम दिया।
आज भारत परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र है ये कलाम की देन है। १८ जुलाई २००२ को कलाम को नब्बे फीसदी बहुमत से भारत का राष्ट्रपति चुना गया था। २५ जुलाई २००२ को संसद भवन के अशोक कक्ष में राष्ट्रपति पद की शपथ ली। इस समारोह में अटल बिहारी वाजपेयी मौजूद थे। ये २५ जुलाई २००७ तक राष्ट्रपति रहे।
अनुशासन प्रिय जनता के राष्ट्रपति के रूप में कलाम की अलग ही पहचान थी।
इन्होंने अपनी जीवनी विंग्स ऑफ फायर कृति भारत के युवाओं के मार्गदर्शन हेतु लिखी। इनकी दूसरी कृति गाइडिंग सोल्स डायलाग्स ऑफ द पर्पज ऑफ लाइफ में उनके आत्मिक विचार लिखे हैं। दक्षिणी कोरिया में इनकी कृति को बहुत पसंद किया गया।
कलाम कहते थे कि यदि आप देश का विकास चाहते है तो देश मे शांति की स्थिति होना आवश्यक है। और शांति की स्थापना शक्ति से होती है। इसलिए प्रक्षेपास्त्रों को विकसित किया गया ताकि देश शक्ति सम्पन्न हो। राष्ट्रपति बनने के बाद कलाम ने भारत की कल्याण सम्बन्धी नीतियों के कारण कलाम राजनीतिक दृष्टि से सम्पन्न रहे। इन्होंने इंडिया २०२० कृति में अपना विजन लिखा है। वे भारत को अंतरिक्ष विज्ञान में सम्पूर्ण विश्व का सिरमौर देश बनाना चाहते थे। जिसके लिए उन्होंने कार्य योजना तैयार की थी।परमाणु हथियारों के क्षेत्र में वह भारत को सुपर पावर बनाना चाहते थे विज्ञान के अन्य क्षेत्रों में तकनीकी विकास करना चाहते थे। सूचना तकनीकी का विकास कैसे बढ़े इस पर उन्होंने विचार किया था।
कलाम ने तमिल भाषा मे कविताएं लिखी। वाद्य यंत्र बजाने के वे शौकीन थे। कर्नाटक भक्ति संगीत वे रोज सुनते थे। हिदू संस्कृति में उनका गहरा विश्वास था। इन्हें २००३ व २००६ में एम टी वी यूथ आइकन ऑफ द ईयर के लिए नामांकित किया गया था।
२०११ में इनके ऊपर बनी फिल्म आई एम कलाम बनी।
कलाम के जन्म दिन को हम सभी विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाते हैं।
१९८१ में कलाम को पदम् भूषण मिला। १९९० में पदम् विभूषण से सम्मनित किये गए। १९९७ में सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया जो उन्हें वैज्ञानिक अनुसंधानों और देश मे तकनीकी विकास में अभूतपूर्व योगदान हेतु प्रदान किया गया २०१४ में डॉक्टर ऑफ साइंस सम्माम एडिनबर्ग से मिला। २०१२ में डॉक्टर ऑफ लॉज समनं साइमन फेजर यूनिवर्सिटी ने दिया। इस प्रकार देश विदेश से कलाम साहब कितनी ही बार सम्मानित हुए।
वे कहते थे कि सबसे उत्तम कार्य क्या होता है किसी इंसान के दिल को खुश करना किसी भूखे को खाना देना जरूरतमन्दों की मदद करना किसी दुखियारे का दुख हल्का करना और किसी घायल की सेवा करना। यही जीने का मकसद होना चाहिए।

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लेखक परिचय :-राजेश कुमार शर्मा “पुरोहित” भवानीमंडी जिला झालावाड़ राजस्थान


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