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आचार्यश्री से प्रार्थना

संजय जैन
मुंबई

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गुरुदेव प्रार्थना है,
अज्ञानता मिटा दो l
सच की डगर दिखा,
गुरुदेव प्रार्थना है l
ॐ विद्यागुरु शरणम,
ॐ जैन धर्म शरणमl
ॐ अपने अपने गुरु शरणम ll

हम है तुम्हारे बालक,
कोई नहीं हमारा l
मुश्किल पड़ी है जब भी,
तुमने दिया सहारा l
चरणों में अपने रख लो,
चन्दन हमें बना दो l
गुरुदेव प्रार्थना है,
अज्ञानता मिटा दो l१l

ॐ विद्यागुरु शरणम,
ॐ जैन धर्म शरणम l
ॐ अपने अपने गुरु शरणम ll
पूजन तेरा गुरवर,
अधिकार मांगते है l
थोड़ा सा हम भी तेरा,
बस प्यार मंगाते है l
मन में हमारे अपनी
सच्ची लगन जगा दो l
गुरुदेव प्रार्थना है,
अज्ञानता मिटा दो l२l

ॐ विद्यागुरु शरणम,
ॐ जैन धर्म शरणम l
ॐ अपने अपने गुरु शरणम ll
अच्छे है या बुरे है,
जैसे भी है तुम्हारे l
मुंकिन नहीं है अब हम,
किसी और को पुकारे l
अपना बन लो हमको,
अपना वचन निभा दो l
गुरुदेव प्रार्थना है,
अज्ञानता मिटा दो l३l

ॐ विद्यागुरु शरणम,
ॐ जैन धर्म शरणम l
ॐ अपने अपने गुरु शरणम ll
गुरुदेव प्रार्थना है……..।
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लेखक परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं। ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी के चलते कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। आप मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखने के साथ – साथ मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है, आप लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।


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