Sunday, September 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

दीप बनकर

**********

डॉ. बी.के. दीक्षित
इंदौर

दीप बनकर दिवाली मनायें सभी।
छोड़ खामोशी बाहर आयें कभी।

है सफाई ज़रूरी ,,,,मग़र ध्यान दो।
खाली हाथों को भी कोई काम दो।

दौर मंदी का है,तेज ना हम चलें।
साथ लेकर सभी को मिलकर बढ़ें।

छोड़ दें हम पतली प्लास्टिक पन्नियाँ।
इस बार बाटें,,,,,,,, धान गुड़ धनियाँ।

मिलावट नहीं,,,,,,,,, शुद्ध आहार हो।
पुरातन भारत का,,,,,,,,,,, बाज़ार हो।

रूप चौदस पर मिट्टी और उबटन रहे।
चौथ करबे की चमके,न विघटन रहे।

नृत्य घर घर में हों और भजन श्याम के।
मोहब्बत बिना,,,,,,,दीप किस काम के।

 

परिचय :- डॉ. बी.के. दीक्षित (बिजू) आपका मूल निवास फ़र्रुख़ाबाद उ.प्र. है आपकी शिक्षा कानपुर में ग्रहण की व् आप गत ३६ वर्ष से इंदौर में निवास कर रहे हैं आप मंचीय कवि, लेखक, अधिमान्य पत्रकार और संभावना क्लब के अध्यक्ष हैं, महाप्रबंधक मार्केटिंग सोमैया ग्रुप एवं अवध समाज साहित्यक संगठन के उपाध्यक्ष भी हैं।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर कॉल करके सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com सर्च करें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक के ब्राडकॉस्टिंग सेवा से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें… 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *