Friday, November 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

आसमान के तारें

*********

कुमार संदीप
ग्राम सिमरा, मुजफ्फरपुर (बिहार)

आसमान के तारें
हाँ जब देखता हूँ आसमां में
टिमटिमाते हुये तारों को,
ऐसा लगता है कि ये तारें
सपरिवार स्नेह और प्रेम से
रहते हैं मिलजुलकर एक साथ।
आसमान के तारें
हाँ जब देखता हूँ आसमां में,
जुगनू की तरह तारों को चमकते
ऐसा लगता है कि ये तारें
एक साथ हँसते हैं मुस्कुराते हैं,
तारों की चमक आँखों को देती है सुकून।
आसमान के तारें
हाँ जब देखता हूँ आसमां में,
तारों को कुछ समय के लिए ओझल होते
ऐसा लगता है कि ये तारें
भी क्रंदन करते हैं दीन दुखी के दुःख देखकर,
ये तारें देखते हैं आसमां से इंसानों के कुकर्मों को।
आसमान के तारें
हाँ जब देखता हूँ आसमां में
असंख्य तारें,
ऐसा लगता है कि ये तारें
सभी एक जैसे ही हैं,
इन तारों में इंसानों की तरह
न तो रंग का भेदभाव है, न ही धर्म, जाती का बंधन।
.
लेखक परिचय :- 
नाम : कुमार संदीप
पिता : स्वर्गीय ब्रज किशोर मिश्र
माता : श्रीमती रीणा देवी
जन्म तिथि : 15-08-2000
भाई : श्री प्रवीण कुमार व श्री नवीण कुमार
निवासी : ग्राम सिमरा, जिला मुजफ्फरपुर
शिक्षा : स्नातक प्रथम वर्ष(वाणिज्य संकाय-अध्ययनरत)
लेखन विधा : कविता,कहानी, मोटिवेशनल कोट्स
सम्मान : ◆साहित्य संगम संस्थान(दिल्ली) द्वारा श्रवण कुमार सम्मान
                ◆साहित्य संगम संस्थान(दिल्ली) द्वारा साहित्य सारथी सम्मान
                ◆साहित्य संगम संस्थान(दिल्ली) द्वारा जय हिंद सम्मान
                ◆राष्ट्रीय शिवशक्ति कला उन्नयन मंच द्वारा दिनकर सम्मान
प्रकाशित पुस्तक : पितृत्व(साझा संग्रह)
अभिरुचि : पुराने संगीत सुनना

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻हिंदी रक्षक मंच👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *