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बेटियाँ

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कंचन प्रभा
दरभंगा, बिहार

बेटियाँ घर की रौनक है
बेटियाँ घर की शान है
               जिस घर में बेटी नही
वो घर बहुत सुनसान है।
                फूलों की खुशबू है
सँझा का दीपक है
                 जिनके घर में बेटी है
वो पिता बहुत महान हैं।
                  बेटी दो कुल की जननी
बेटी माँ की परछाई
                   जब घर की बेटी करे पढ़ाई
वो घर जग में नाम कमाए।
                     बेटी को पढ़ा लिखा कर
देश का करो कल्याण
                    बेटी पढ़े तो मिल जाये
माता पिता सबको सम्मान।
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लेखिका का परिचय :- कंचन प्रभा
निवासी – लहेरियासराय, दरभंगा, बिहार

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