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बरसे बदरा

शिवम यादव ”आशा”
(कानपुर)

आज बरसे बदरा
मुझको मौसम
सुहाना लागे
 खेत हो रहे
हरे भरे खलिहान
लाॅन सी लागे
बरसे बदरा…
मन भर गया
उमंगो से
दूर कोश कोश
तक भागे
सिर पर लाखों
बोझ रखे थे
वो भी हल्के
हल्के लागे
बरसे बदरा…
मन भी झूमा
तन भी झूमा
अंग अंग
खिली बहारें
मन मस्त जमीं
पर घूूम रहा है
रंगीला रंगीला लागे
बरसे बदरा…
.
लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ”आशा” है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !!
काव्य संग्रह :- ”राहों हवाओं में मन”

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