Sunday, September 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

कड़वा सच

**********

रचियता : विकास गंगराड़े

जब फैली हो चारो और बुराई,
तो अच्छाई को जगह कहां  मिलेगी |
इस बेमतलब की झूठी दुनिया मै,
सच्चाई को जगह कहां  मिलेगी ||
.
एक सच्चे इंसान को जिंदगी गुजारने के लिए,
चाहिए  सुख  शांति की जगह |
मगर इस खून-खराबे-आतंकवाद की दुनिया मै,
जिंदगी को भी जगह कहां मिलेगी ||
.
अपनी इच्छाओ को पूरा करने के लिए इंसान,
जा रहा है अंधकार गहरे कुऐं मै |
जहां पर एक कतरा रोशनी नहीं,
वहां उजाले को जगह कहां मिलेगी ||
.
आज दोस्त-दोस्त से भाई-भाई से बेटा-माँ से पिता
खुद की लड़की से कर रहा है खिलवाड़ |
अगर मन और आत्मा को ही तुम बना लोगे हैवान,
तो भगवान को भी जगह कहां मिलेगी ||
.
कहता हूँ मै कड़वी बातें,
क्यूकि सच तो हमेशा कड़वा ही लगता है |
बदल लो तुम आज  अभी अपने विचार,
क्यूकि दोबारा जिंदगी तुम्हें भी कहां मिलेगी ||
.

लेखक परिचय :- 
नाम – विकास गंगराड़े
निवास – इंदौर मध्यप्रदेश


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *