Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

बखत बड़ो जादूगर भओ

**********

रचयिता : प्रेम प्रकाश चौबे “प्रेम”

बुंदेली ग़ज़ल

बखत बड़ो जादूगर भओ।
खेल दिखावे रोजई नओ।
.
का-का हुइये, की ने जानी?
बो सब होनें, जो नईं भओ।
.
फिर नइं लौट, हाथ में आने,
निकर हाथ से, गओ सो गओ।
.
बोई फरस से, चढ़ो अरस पे,
जी खों तनक सहारो दओ।
.
“प्रेम” जान गए, जा से कै रये,
भैया, जा से डर के रओ।
.

लेखक परिचय :-  नाम – प्रेम प्रकाश चौबे
साहित्यिक उपनाम – “प्रेम”
पिता का नाम – स्व. श्री बृज भूषण चौबे
जन्म –  ४ अक्टूबर १९६४
जन्म स्थान – कुरवाई जिला विदिशा म.प्र.
शिक्षा – एम.ए. (संस्कृत) बी.यु., भोपाल
प्रकाशित पुस्तकें – – “पूछा बिटिया ने” आस्था प्रकाशन, भोपाल  २ – “ढाई आखर प्रेम के” रजनी  प्रकाशन, दिल्ली से
अन्य प्रकाशन – अक्षर शिल्पी, झुनझुना, समग्र दृष्टि, बुंदेली बसन्त, अभिनव प्रयास, समाज कल्याण व मकरन्द आदि अनेक  पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक पत्रिकाओं में कविता, कहानी, व्यंग्य व बुंदेली ग़ज़लों का प्रकाशन।
प्रसारण – आकाशवाणी व दूरदर्शन भोपाल से कविताओं व बुंदेली ग़ज़लों का प्रसारण।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *