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प्यार तिरंगे के लिए

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रचयिता : मुनव्वर अली ताज

हम सब के  मन  में प्यार तिरंगे के लिए  है
हर  जान   का    उपहार तिरंगे के लिए   है

देखा किसी  ने  आँख उठाकर जो इस तरफ
दुश्मन  का   नरसंहार     तिरंगे के लिए   है

ये चेन  ये  अंगूठी     ये   बुन्दे   ये   बालियाँ
ये  सोने   का    श्रृंगार     तिरंगे के लिए   है

ये  कह  रही है गर्व  से     भारत की  एकता
हर  क़ौम   की   ललकार तिरंगे के लिए  है

शब्दों   से  सैनिकों   का  मनोबल  बढ़ाएगा
ये  ‘ताज’   रचनाकार   तिरंगे  के  लिए    है

लेखक का परिचय :- मुनव्वर अली ताज उज्जैन


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