Sunday, September 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

कच्चे चूल्हे

=======================

रचयिता : विनोद सिंह गुर्जर

कच्चे चूल्हे भूले,
भूले सावन के झूले ।।
प्रीत भी भूल चले है,
दीवारो के छांव तले हैं।
किससे क्या आश करें।
किस पर विश्वास करें।।
जिससे प्रीत बढ़ाई।
वो भी है हरजाई।।
ये जग नहीं अपनापन का,
दुख कौन हरेगा मन का ।
सब मतलब के नाते।
दिग्भ्रमित हमें कर जाते।।
चेतनता हर जाती।
सब शून्य नजर ही आती।
मैं सोच रहा हूँ कैसे ?
इस प्रीत से छुटकारा हो
ना मोह रहे बंधन का,
ना कोई जग प्यारा हो।।
ह्रदय से एक आह निकले,
और चाह मिटे पाने की।
में मतवाला पागल बस,
एक धुन हो कुछ गाने की।।
वो दिवस शीघ्र आऐगा,
जो मुझको तरसाते हैं।
वो खुद एक दिन तरसेंगे,
आंसू बन जो आते हैं।।
अभी हृदय पावस है।
मेघ सहज बन जाता।
तेरी यादों में आकर,
नेह सजल बरषाता ।।
पतझर जिस दिन ये होगा।
तुम तरसोगे सावन को,
किंतु नहीं पाओगे,
पुण्य प्रीत पावन को।।
प्रकृति का है नियम सखे,
परिवर्तन सब कुछ होता है,
एक तुलसी दीवाना था,
फिर तुलसी कवि होता है।
कब मन में वीणा झनक उठे,
कब सुप्त राग आल्हादित हो।
कब मोह माया तजि दे मन रे,
वैराग्य हृदय आच्छादित हो।।
जो भी होगा अच्छा होगा,
सब छोड़ दिया कल आने पर,
अभी वर्तमान का करें सृजन,
खोजें नूतन नव लाने पर।

परिचय :-   विनोद सिंह गुर्जर आर्मी महू में सेवारत होकर साहित्य सेवा में भी क्रिया शील हैं। आप अभा साहित्य परिषद मालवा प्रांत कार्यकारिणी सदस्य हैं एवं पत्र-पत्रिकाओं के अलावा इंदौर आकाशवाणी केन्द्र से कई बार प्रसारण, कवि सम्मेलन में भी सहभागिता रही है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *