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बरसों बाद बरसी खुशियाँ

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रचयिता : संजय वर्मा “दॄष्टि”

बरसों बाद  बरसी

खुशियाँ
कश्मीर के आँगन में
केशर की क्यारियों में
मधुप मधुर राग सुनाए
कश्मीर के आँगन में
ह्रदय में चुभते थे कभी
भय के शूल
वीरान पथ पे रोती थी
बर्फीली वादियां
कश्मीर के आँगन में
सत्तर वर्षो से झांकते
मासूम चेहरे
सूनी पड़ी झीलों में
कश्मीर के आँगन में
अविरल बहते आँसू
पलायन की गाथा
सुनाते थे कभी
कश्मीर के आँगन में
नई इबारत लिखी
सुनहरे सपने हुए साकार
खिलखिलाने लगी दूब अब
कश्मीर के आँगन में
जन्नत महकी केशर सी
स्वप्न हुए साकार
कश्मीर के आँगन में
संजय वर्मा “दृष्टि”

 

परिचय :- नाम :- संजय वर्मा “दॄष्टि” पिता :- श्री शांतीलालजी वर्मा
जन्म तिथि :- २ – मई -१९६२ (उज्जैन )
शिक्षा :- आय टी आय
व्यवसाय :- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग )
प्रकाशन :- देश – विदेश की विभिन्न पत्र – पत्रिकाओं में रचनाएँ व समाचार पत्रों में निरंतर पत्र और रचनाओं का प्रकाशन, प्रकाशित काव्य कृति “दरवाजे पर दस्तक “, खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के ६५ रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान – २०१५ , अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित
संस्थाओं से सम्बद्धता :- शब्दप्रवाह उज्जैन, यशधारा – धार, मगसम दिल्ली,
काव्य पाठ :- काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ, शगुन काव्य मंच


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