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रचयिता : दिलीप कुमार पोरवाल “दीप”
देखो जा रहे हो संसद की चौखट पर
बस इतना याद रखना
जाकर चौखट पर अपना शीश नवाना
देखो जा रहे हो संसद की चौखट पर
बस इतना याद रखना
किसी के बहकावे में ना आना
देना तून साथ सदैव सत्य का
करना समर्थन हमेशा उचित का
देखो जा रहे हो संसद की चौखट पर
बस इतना याद रखना
ना डरना ना घबराना
रखना अपना पक्ष हमेशा
देखो जा रहे हो संसद की चौखट पर
बस इतना याद रखना
रखना ध्यान संसद की गरिमा का
और रखना मान हमारा
निभाकर अपना राजधर्म
रखना राष्ट्रहित सर्वोपरि
पूरे करना अपने किए वादे
देखो जा रहे हो संसद की चौखट पर
बस हमें भूल न जाना
और हां जब हो जाए वहां अवकाश
शीघ्र लौट आना
जुड़े रहना जमीन से अपनों के बीच
लेखक परिचय :- नाम :- दिलीप कुमार पोरवाल “दीप”
पिता :- श्री रामचन्द्र पोरवाल
माता :- श्रीमती कमला पोरवाल
निवासी :- जावरा म.प्र.
जन्म एवं जन्म स्थान :- ०१.०३.१९६२ जावरा
शिक्षा :- एम कॉम
व्यवसाय :- भारत संचार निगम लिमिटेड
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