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मेरी भी उड़ाने हैं

श्रीमती अनीता गौतम
राजनांदगांव भरका पारा
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अखिल भारतीय कविता लिखो प्रतियोगिता
विषय :- “नारी और स्वतन्त्रता की उड़ान”
उत्कृष्ट सृजन पुरस्कार प्राप्त रचना

बस गीतों में ढलती रही
कहानियों में मिलती रही
कागजों में उतरती रही
उभरती रही रंगों के साथ
मेरी भावनाएं छपती रही
पत्रिकाएं और अखबारों में
और बिकती रही बाजारों में
एक-एक हर्फ में बेचारी बनी
कभी फूल तो कभी चिंगारी बनी
मेरे दर्द की करुण कहानी पर
बूंदे भी आंखों से बहाई गई
कभी मोहब्बत के अफसानों में
नायिका बन प्रेम लुटाती रही
क्या कोई मुझे रूह में उतार पाया
क्या कोई सही में समझ पाया
मेरी भावनाओं और जज्बातों को
क्या कोई सही में जान पाया
मेरे सपने और अरमानों को
क्या कोई पंख दे पाया
मेरी भी उड़ानों को

परिचय :-  श्रीमती अनीता गौतम
जन्म दिनांक : १४ दिसम्बर १९७५
निवासी : राजनांदगांव भरका पारा
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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