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नारी तू नारायणी

नेहा शर्मा “स्नेह”
इंदौर (मध्य प्रदेश)

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अखिल भारतीय कविता लिखो प्रतियोगिता
विषय :- “नारी और स्वतन्त्रता की उड़ान”
उत्कृष्ट सृजन पुरस्कार प्राप्त रचना

जीवन तुम ही देती हो
जीवन सवाँरना भी तुम्हे ही आता है
प्रेम तुमसे ही प्रकाशित हो निभाना भी तुम ही सिखलाती हो
रिश्तो की बागडोर हो या ऑफिस में कोई पद भार हो
जाने कैसे सब संभाल लेती हो जैसे तुम दैवीय अवतार हो

लोग प्रशंसा नहीं कर पाते तुम्हारे पराक्रम से घबराते है
और ये समाज तुम्हे दबाने जाने कितने षडयंत्र रचाते है
पर तुम न डरना न दबना किसी से जीना अपने सिद्धांतो से तुम
आयी विपदा टल जाएगी मन में हौसला रखो ज़रा तुम

प्रिय मेरी बात ध्यान से ये समझ लो
नारी हो तो नारी के भरोसे को कभी न तोड़ना
जो तुम चाहती हो आगे बढ़ना हाथ
किसी सखी का अपने साथ में लेते चलना
न किसी को उलाहना देना न किसी की कमज़ोरी पर हँसना
नारी तुम्हारी ही तरह वो ये समझ उसे अपना बनाना
कोई नारी किसी पुरुष की हास्य पात्र नहीं बन पायेगी
जब एक सशक्त नारी का साथ वो पा जाएगी
माँ, सास, बहन, ननद कोई रूप में तुम न कोई जाल बिछाना
उसे उलझाने के लिए तुम न नीचे नज़रो से अपनी गिरना
माता दे सकेगी अपने पुत्रो वो स्वस्थ मानसिकता
जिसमे न पुरुष महान न नीच नारी होगी
बराबरी से दोनों रहेंगे सम्मान एक दूसरे को देंगे

फिर बनेगा एक सशक्त समाज और राष्ट्र जैसा सपनो में देखा है
नारी नारायणी सीता सी शक्ति जिसमे दुर्गा जैसी
भोग की वस्तु मानते है जो तुझे मूढ़ है वो जन मानस
पर जो नारायण है वो ही समझ पाते है तुझे
पूजते और प्रेम पाते है तुझसे
जिसने भी तुझे पूजा महान वो बन जाते है।

परिचय :-  नेहा शर्मा “स्नेह”
निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)
विशेष : आपने अपना एमबीए इंदौर से पूरा किया है। ऑस्ट्रेलिया में काम किया लेकिन अपने देश के लिए योगदान देने की भावना मुझे वापस इंदौर ले आई। आपको हिंदी और मालवी में विशेष रुचि है जिसका श्रेय आप अपनी माताश्री को देती हैं। आपने अपनी माताश्री के मार्गदर्शन में कई कवि सम्मेलनों में भाग लिया है और कुछ लेख एवं कवितायेँ भी प्रकाशित हुई है
आपके कथन : मुझे यकीन है कि हमारी मातृभाषा में हमारा छोटा से छोटा योगदान आने वाली पीढ़ियों की मदद करेगा। हमें मंच प्रदान करने में मदद के लिए मैं श्री डॉ.पवन मकवाना सर की आभारी हूं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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