Tuesday, April 8राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

पत्थर का आदमी

बृजेश आनन्द राय
जौनपुर (उत्तर प्रदेश)
********************

आदमी पत्थर हो गया है
ये कहती हैं पत्थर की दीवारें
हृदयहीन कंम्प्यूटर की तरह
सदैव चलता रहता है घर में
घर तबाह हो गया है…
प्लास्टिक, फर्नीचर या
स्टील है आदमी…
रोबोट की तरह सदा-
दौड़ता रहता है आदमी…
मानवता बर्बाद हो गयी है…!
दानवता आबाद हो गयी है…!
अब मानवता के लिए-
पैसे की जरुरत है…
दानवता को भी उस पैसे की
जरूरत है…
सब कुछ तबाह हो गया है
रिश्तों से घर बनता है
ईट, पत्थर, गाटर, पटिया
सबकी सब छोटी बड़ी चीजें हैं
जिनसे घर बनता है
इनको जोड़ने के लिए
सिक्कों के सीमेंट की जरूरत है
प्लास्टर के बिना
सीमेंट के बिना
सब गाटर, पटिया, ईट-पत्थर
टुकड़े-टुकड़े हो बिखर रहे हैं…!

परिचय :-  बृजेश आनन्द राय
निवासी : जौनपुर (उत्तर प्रदेश)
सम्मान : राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर म.प्र.द्वारा शिक्षा शिरोमणि सम्मान २०२३ से सम्मानित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें….🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *