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चलो कुंभ चले

डॉ. प्रताप मोहन “भारतीय”
ओमेक्स पार्क- वुड-बद्दी
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प्रयागराज आपके स्वागत
के लिये सजा है।
१४४ साल बाद कुंभ
का अलग मजा है।
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त्रिवेणी संगम में
डुबकी लगाएं
अपना जीवन
सफल बनाऐ।
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देश विदेश से लोग
कुंभ आ रहे है।
सनातन धर्म के प्रति
अपनी आस्था जता रहे है।
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यह अवसर हमारी
जिंदगी में दोबारा
कभी नहीं आयेगा।
अगर नहीं जा पाये कुंभ
तो मन में
अफसोस रह जायेगा।
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महा स्नान के अवसर पर
करोड़ों लोग आ रहे है।
आस्था की डुबकी लगाकर
पापों से मुक्ति पा रहे है।
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कुंभ में चारों तरफ़
आध्यात्मिक माहौल छाया है।
हर संन्यासी अखाड़े ने
अपना स्थान बनाया है।
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कुंभ जरूर जाये
परन्तु सावधानी अपनाये।
भीड़ बहुत है
दुर्घटना से खुद को बचाएं।
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परिचय : डॉ. प्रताप मोहन “भारतीय”
निवासी : चिनार-२ ओमेक्स पार्क- वुड-बद्दी
घोषणा : मैं यह शपथ पूर्वक घोषणा करता हूँ कि उपरोक्त रचना पूर्णतः मौलिक है।


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