Thursday, January 9राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

साड़ी दिवस

डॉ. प्रणव देवेन्द्र श्रोत्रिय
इंदौर, (मध्यप्रदेश)
********************

शाम का समय हो रहा था, चारों तरह ठंड अपने पैर पसार रही थी। फुलरी अभी भी मजदूरी के मैदान में डटी हुई थी। “क्योरी तुम्हें आज घर नहीं जाना है?” ठेकेदार ने गरजते हुए कहा। “आज कुछ सामान लेना है, तो सोचा मजूरी ज्यादा कर लूंगी तब कुछ रुपए भी अच्छे मिल जायेंगे। इस कारण बचा काम खत्म कर रही हूँ। “फुलरी एक साँस में बोल गईं। ठेकेदार ने समझाते हुए कहा- “ये लो आज की मजदूरी, शाम ढ़लने को हैं। यहाँ ज्यादा रुकना अच्छा नहीं, जल्दी घर जाओ। कल समय पर आ जाना।”
जी ठीक है कह कर उसने घर की ओर रुख किया। रास्ते में याद आया बहुत दिन हो गए, माँजी दो पुरानी साड़ी को ही पहने रही है। एक दूकान पर पूछा- “ये सूती साड़ी कितने की है?”
“४०० रुपए की है”
“इससे कम वाली हो तो बताओ।”
“ये २५० रुपए की है पर इसमें गर्माहट कम रहेगी।” “भैया, साड़ी की गर्माहट तो माँजी की खुशी से ही आ जायेंगी, आप इसे दे दीजिए।” हर्षित मन से घर लौटी फुलरी ने देखा ओटले पर माँजी का मित्रमंडल चर्चारत था। उसने सबके सामने नई साड़ी माँजी को दी। उन्होंने खुश होकर कहा – “सारी मजदूरी मेरे ऊपर खर्च कर दी या कुछ बचाया है?”
मेरे साथ अपने लिए भी एक साड़ी ले आती?”
इतने में नानूराम भी प्रसन्न होकर कहता है – “माँ देखो तुम्हारे लिए एक साड़ी लाया हूँ।”
“मेरे लिए बहु फुलरी पहले ही नई साड़ी ले आई, अब ये साड़ी उसे दे दो।” माँजी ने हँस कर कहा।
सभी महिलाओं ने एक स्वर में कहा -“क्या बात है? माँजी आज तो आपके घर में साड़ी दिवस मन गया।”

परिचय :- डॉ. प्रणव देवेन्द्र श्रोत्रिय
शिक्षा : पीएच.डी, एम.ए हिन्दी साहित्य, बी.जे.एम.सी, आयुर्वेद रत्न।
निवासी : इंदौर, (मध्यप्रदेश)
रुचि : लेखन,पठन,पर्यटन
प्रकाशन : विभिन्न पत्र, पत्रिकाओं में नियमित बाल कहानी, लघुकथा, कविता का प्रकाशन।
सम्प्रति : निजी महाविद्यालय में हिन्दी भाषा में सहा.प्राध्यापक।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें...🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *