Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

दीप-अभिवंदना

प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे
मंडला, (मध्य प्रदेश)
********************

लघु दीपक है दिव्य आज तो, उससे अब तम हारा है।।
जगमग जीवन ज्योति सुहाती, अभिवंदित उजियारा है।

माटी की नन्हीं काया ने, गीत सुपावन गाया है।
उसका लड़ना तूफानों से, सबके मन को भाया है।।
कुम्हारों के कुशल सृजन पर,आज जगत सब वारा है।
जगमग जीवन ज्योति सुहाती, अभिवंदित उजियारा है।

घर-आँगन,हर छत-मुँडेर पर, बैठा नूर सिपाही है।
जो हरदम ही,निर्भय होकर, देता सत्य गवाही है।।
दीपक तो हर मुश्किल में भी, रहा कर्म को प्यारा है।
जगमग जीवन ज्योति सुहाती, अभिवंदित उजियारा है।।

अवसादों को दूर हटाया, खुशियों का दामन थामा।
आज भावना हर्षाती है, दीप बालती है वामा।।
लघु दीपों ने प्रबल वेग से, अँधियारे को मारा है।
जगमग जीवन ज्योति सुहाती, अभिवंदित उजियारा है।।

दीर्घ निशा निज ताप दिखाती, तिमिर बहुत गहराया है।
पर सूरज के लघु वंशज ने, आशा-ध्वज फहराया है।।
दीपों की अनगिनत अवलियाँ, गुंजित जय का नारा है।
जगमग जीवन ज्योति सुहाती,अभिवंदित उजियारा है।।

घर-घर देखो दीपक शोभित, पर्व हृदय में पगा हुआ।
नवल जोश, विश्वास सजा है, भाव मांगलिक जगा हुआ।।
जीवन में उल्लास सजा है, आनंदित घर-द्वारा है।
जगमग जीवन ज्योति सुहाती, अभिवंदित उजियारा है।।

परिचय :- प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे
जन्म : २५-०९-१९६१
निवासी : मंडला, (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : एम.ए (इतिहास) (मेरिट होल्डर), एल.एल.बी, पी-एच.डी. (इतिहास)
सम्प्रति : प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष इतिहास/प्रभारी प्राचार्य शासकीय जेएमसी महिला महाविद्यालय
प्रकाशित रचनाएं व गतिविधियां : पांच हज़ार से अधिक फुचकर रचनाएं प्रकाशित
प्रसारण : रेडियो, भोपाल दूरदर्शन, ज़ी-स्माइल, ज़ी टी.वी., स्टार टी.वी., ई.टी.वी., सब-टी.वी., साधना चैनल से प्रसारण।
संपादन : ९ कृतियों व ८ पत्रिकाओं/विशेषांकों का सम्पादन। एम.ए.इतिहास की पुस्तकों का लेखन
सम्मान/अलंकरण/ प्रशस्ति पत्र : देश के लगभग सभी राज्यों में ७०० से अधिक सारस्वत सम्मान/ अवार्ड/ अभिनंदन। म.प्र.साहित्य अकादमी का अखिल भारतीय माखनलाल चतुर्वेदी अवार्ड (५१०००/ रु.)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *