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भ्रष्ट नेता पुष्ट वर्धक च्यवनप्राश

डॉ. मुकेश ‘असीमित’
गंगापुर सिटी, (राजस्थान)
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आइए, आज मैं आपको एक ऐसी रेसिपी बताने जा रहा हूँ, जो एक सीक्रेट फॉर्मूला है, बिल्कुल कोला कंपनी के सीक्रेट फॉर्मूला की तरह। मजाल है कि पेपर लीक की तरह यह लीक हो जाए। इसका नाम है “भ्रष्ट नेता पुष्ट वर्धक च्यवनप्राश”। यह एक ऐसा च्यवनप्राश है जिसे आप किसी भी उम्र के पड़ाव में इस्तेमाल कर सकते हैं, जब आपको नेता बनने का कीड़ा कुलबुलाने लगे। लेकिन अगर आप देखते हैं कि आपके पूत के पांव पालने में ही नेताओं की दुम की तरह हिलते हैं, बच्चे के चेहरे पर भ्रष्ट नेता की तरह कुटिल मुस्कान है, और बच्चा हर सेकंड में मगरमच्छी आँसू बहाता है, तो समझ जाइए कि यह बच्चा आपके सात पीढ़ियों का नाम डुबोने के लिए भ्रष्ट नेता बनने के लिए अवतरित हुआ है। यदि आप बचपन से ही ऐसे बच्चे को यह च्यवनप्राश चटाएंगे, तो निश्चित ही वह बड़ा होकर महा भ्रष्टाचारी नेता बनेगा!

नेतागिरी के पायदान पर आगे बढ़ने के लिए एक आम नेता तो हर कोई बन सकता है, लेकिन अगर आपको शिखर तक पहुँचना है, तो भ्रष्ट नेता बनना पड़ेगा। यह एक अग्नि परीक्षा है, जिसे हर कोई पार नहीं कर सकता। ९९ प्रतिशत नेता तो चुनावी कार्यक्रमों में दरी बिछाने और रैलियों में नारे लगाने तक ही सीमित रह गए, क्योंकि उन्होंने भ्रष्ट नेता बनने के गुणों को संपूर्णता में नहीं सीखा। बस कुछ गुण ग्रहण कर, अपने अधकचरे ज्ञान को पेलने में लगे रहे।

इस गुप्त नुस्खे की हर उस नेता को जरूरत है, जो अखबारों और टीवी न्यूज़ में अपने आकाओं के हवाले, घोटालों, कांडों के अखंड गुणगान से अपने आपको तुच्छ और अदना सा प्राणी समझने लगा है। अभी तक जिसका उपयोग उसके आकाओं ने झूठी गवाही देने, आका के काले धन को अपने घर के अंदर सुरक्षित रखने का ही किया है, कभी खुद अपने बलबूते पर कोई बड़ा कांड नहीं किया है। अखबार में अपना नाम अंतिम पंक्ति में ही कभी-कभार देखा है, रैलियों में खुद को पार्टी के कार्यकर्ताओं की भीड़ में ही देखा है!

इस रेसिपी को बनाने का तरीका बहुत ही सरल है। अगर खाने वाला और बनाने वाला निर्लज्ज, बेईमान और ढीठ जैसे प्रारंभिक गुणों से लबरेज हो, तो रेसिपी जल्दी असर दिखाना शुरू करेगी! रेसिपी को बनाने के लिए पहले आपको कुछ सामग्री एकत्रित करनी होगी। आपको चाहिए:
१. एक फर्जी बीपीएल कार्ड से उठाया हुआ केरोसिन का कनस्तर या गैस सिलेंडर।
२. इसे चूल्हे में पकाने के लिए उन कंडों का इस्तेमाल करें, जो उस अवशिष्ट से बने हैं, जो पहले नेताओं ने चारा घोटाले में पशुओं का चारा खाकर स्वच्छता अभियान को धता बताते हुए खुले में छोड़ दिए थे।

इस रेसिपी की फाउंडेशन जितनी मजबूत होगी, रेसिपी उतनी ही असरदार होगी। थोड़ी सी चापलूसी से आप इसे पा सकते हैं। चूल्हे में कंडों को जलाने के लिए खाली-पीली फेंकने वाले फूंकनी से फूंक मारें। अफवाहों की गर्म हवा मारेंगे, तो कंडे जल्दी प्रज्वलित हो जाएंगे। आग लगाने के बाद, सबसे पहले अपने हाथ सेंकें, क्योंकि एक अच्छे भ्रष्टाचारी होने के नाते आपको यह आदत डालनी ही होगी। इस प्रकार से आप कहीं भी आग लगी हो, स्वप्रेरणा से वहां हाथ सेंकने पहुँच जाएंगे, चाहे किसी गरीब के मकान में आग लगी हो या किसी की चिता की। आपको हर जगह समान भाव और स्वार्थभाव से अपनी रोटी सेंकने का हुनर आ जाएगा!

जब हाथ गर्म हो जाएं, तो हाथ में खुजली शुरू हो जाएगी, जो आपको आगे बड़े-बड़े स्वांग और प्रकांड कांड करने के लिए उत्प्रेरित करेगी। अब मिश्रण तैयार करना है। सबसे पहले किसी कुख्यात भ्रष्ट नेता के भाषण या रैली के दौरान फेंके गए टमाटर-अंडे एकत्रित करके उसमें डालें। इस मिश्रण में थोड़ी सी दूसरों की छाती पर दली हुई मूँग डालें और नेताजी के वो आलू, जिनसे सोना बनेगा, भी डालें। अब इस मिश्रण में चुल्लू भर पानी डालें। यह चुल्लू भर पानी आपके पास हमेशा रहना चाहिए। यह आपको समय-समय पर जनता से मिलता रहेगा। अंत में, इसमें कुछ मगरमच्छ के आँसू डालिए, जो नेता लोग चुनावी रैली में बहाते रहते हैं। ये सारी सामग्री एक गहरी और चिकनी हांडी में मिलानी होगी, जिस पर निंदा, आरोप-प्रत्यारोप के बौछारों का कोई असर न हो।

जब यह मिश्रण पकने लगे, तो उसे उस चमचे से हिलाएं, जो चमचागिरी में इस्तेमाल होता है। धीरे-धीरे इसे हिलाते रहिए। जब मिश्रण पूरी तरह पक जाए, तो इसे सूंघते रहिए। इससे आपकी नाक स्टील जैसी मजबूत हो जाएगी, जो किसी भी कटाक्ष या आलोचना से प्रभावित नहीं होगी। अब जब मिश्रण तैयार हो गया है, तो देर किस बात की? इसे धीरे-धीरे चाटिए और भ्रष्ट नेता का रक्षा कवच-चाटन संस्कार-अपनाइए। आपकी जीभ इतनी लंबी और निर्लज्ज हो जाएगी कि आप किसी से भी काम निकलवाने के लिए उसके जूते चाट सकेंगे। इस मिश्रण को अगर गैंडे जैसी खाल वाले कपड़े से ढककर रखेंगे, तो एक और गुण में वृद्धि होगी। आप किसी भी स्थिति में अपने भ्रष्ट कामों से विचलित नहीं होंगे। तो देर किस बात की? आज ही इस रेसिपी को आजमाएं और देखिए, कैसे आप हष्ट-पुष्ट भ्रष्ट शिरोमणि नेता बन जाएंगे!

परिचय :-  डॉ. मुकेश ‘असीमित’
निवासी : गंगापुर सिटी, (राजस्थान)
व्यवसाय : अस्थि एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ
लेखन रुचि : कविताएं, संस्मरण, व्यंग्य और हास्य रचनाएं
प्रकाशन : शीघ्र ही आपकी पहली पुस्तक नरेंद्र मोदी का निर्माण : चायवाला से चौकीदार तक प्रकाशित होने जा रही है।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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