Monday, November 25राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

दिल की गहराईयों में …

डॉ. प्रताप मोहन “भारतीय”
ओमेक्स पार्क- वुड-बद्दी
********************

तुम्हारी याद मुझे
हर वक्त आती है।
दिल की गहराईयों
में समा जाती है।
********
इतना लम्बा साथ था
कैसे भूलूंगा तुम्हे।
जब तक जिंदा रहूंगा
याद करता रहूंगा तुम्हें।
*******
जब कभी तुम्हारी कही
कोई बात याद आती है।
फिर तुम्हारी मोहिनी
सूरत मेरे सामने आती है।
*******
तुम रहती हो मेरे दिल में
कोई तुम्हें नही निकाल पायेगा।
किराया दो या मत दो
पर यह तुम्हारा घर कहलायेगा।
********
मैं किसी को याद नही
करता दिल की गहराइयों से।
केवल एक तुम हो जो
रहती हो दिल की गहराइयों में।
********
जब तक जिंदा हूं
तुम्हे याद करता रहूंगा।
हर जन्म में तुमसे मिलने
की फरियाद करता रहूंगा।

परिचय : डॉ. प्रताप मोहन “भारतीय”
निवासी : चिनार-२ ओमेक्स पार्क- वुड-बद्दी
घोषणा : मैं यह शपथ पूर्वक घोषणा करता हूँ कि उपरोक्त रचना पूर्णतः मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *