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ननद बहन

किरण पोरवाल
सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश)
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ननद को जीवन में क्या हम समझे?
बहन समझे या ननद हम समझे,
मायके का एक अंश ननद है।
थोड़ा सा अधिकार ननद है,
प्रेम भाव का राज ननद है,
मेल मिलाप की जगह ननद है।
प्यार की एक जगह ननद है।
सहेली और बहन का संबंध ननद है
भाई का तो प्यार ननद है।
मानसिक दुख का इलाज ननद है,
भाई की शक्ति तो ननद है,
नहीं किसी से लेना देना बस
बिगड़े काम बन जाए ननद है।
“दीप से दीप जलाती ननद है,
एक पंक्तिबद्ध का भाव ननद है”
पीहर में खुशहाली ननद है,
हल्ला गुल्ला शोर शराबा,
देखो एक माहौल ननद है।
काम सुधारे काम बनाये,
भाई की उलझन का हल है ।
पिता के दिल का भाव ननद है
माता का तो प्यार ननद है,
पीहर की ढाका छाबी ननद है।
भाई का तो भाव ननद है।
मान अपमान का घुट ननद है।
पीहर की तो लाज ननद है,
अमीरी गरीबी का मान ननद है।
सह लेती सब भार ननद है।
सहनशीलता की खान ननद है
ननद भाभी और भाभी ननद है।

परिचय : किरण पोरवाल
पति : विजय पोरवाल
निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स
व्यवसाय : बिजनेस वूमेन
विशिष्ट उपलब्धियां :
१. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित
२. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित
३. राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर द्वारा “साहित्य शिरोमणि अंतर्राष्ट्रीय समान २०२४” से सम्मानित
४. १५००+ कविताओं की रचना व भजनो की रचना
रूचि : कविता लेखन, चित्रकला, पॉटरी, मंडला आर्ट एवं संगीत
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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