Wednesday, December 18राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

मैं बदल रहा हूं …

खुमान सिंह भाट
रमतरा, बालोद, (छत्तीसगढ़)
********************

मेरे जाने या अंजाने में कोई
गलतियां गर हुआ है
उसका अफसोस है
मैं उन गलतियों से
बहुत कुछ सीख रहा हूं
मैं हरदम परेशानी का
कारण हुआ करता था
अब ये गलतियां
न हो पाये दोबारा
इसका बेहतर
विकल्प ढूंढ रहा हूं
लाख आये राह में कांटे
उन कांटों में भी सुंदर
फूल ढूंढ रहा हूं
जिम्मेदारी के बंधन में
बंध जाऊ इस कदर
कि मेरे अपने भी कभी
न हो पाए तर-बतर
मेरे उन सारी हरकतों को
अब विराम कर रहा हूं
दुनिया में इस प्रेम से बंधे रिश्ते
का जो हमें दर्जा दिऐ हो
मैं उसे बेहतर ढंग से निभा सकूं
अब उसका मैं सूत्र ढूंढ रहा हूं
मैं बदल रहा हूं …

परिचय :- खुमान सिंह भाट
पिता : श्री पुनित राम भाट
निवासी : ग्राम- रमतरा, जिला- बालोद, (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *