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अतीतजीवी

संजय डुंगरपुरिया
अहमदाबाद (गुजरात)
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हम हिंदुस्तानी स्वभाव से अतीतजीवी हैं। विश्वगुरु सोने की चिड़िया तरह-तरह की शब्दो की अफीम चाट के उसी में मगन।
बदलाव के लिए और भविष्य के लिए कभी तैयार नही। हाँ, अगला जन्म सुधारने को बेहद तत्पर आसान रास्तों में चलने को हमेशा तैयार गंगाजी में डुबकी लगा के स्वर्गारोहण, वाह! चरखे और अहिंसा से आज़ादी, वाह भाई वाह! हमारे सपने टूटते ही नही, नींद है कि उड़ती ही नही।
अच्छे दिन आएंगे पर लाएगा कौन मोदी जी !!!
आप कुछ करेंगे? नहीं वोट दिया है ना ! १५ लाख आये की नही खाते में? सरकारी नोकरी ही क्यों चाहिए !!! प्राइवेट नोकरी में काम करना पड़ता है ये तकलीफ है। हमारे यहाँ करोड़पतियों और हर तरह से सामर्थ्यवान लोगो ने भी कोविड के टीके मुफ्त सरकारी केंद्रों में ही लाइन में लग के ही लगवाए हैं। और बाते समय की कीमत की ही करेंगे ! कथनी और करनी में सर्वाधिक फर्क हमारे देश मे पाया जाता है । वचनवीर है हम। हमको तो शायद ईश्वर भी आके नही बदल पायेगा। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हमारे आराध्य है। योगेश्वर श्रीकृष्ण भी क्या हमको बदल पाए। हमने तो बस यही याद रखा जब जब धर्म की ग्लानि होगी तब तब मैं अवतार लूंगा। तो करते हैं ईश्वर का इंतज़ार लंबी तान के …… हम नहीं बदलेंगे सरकार बदल देंगे।

परिचय :- संजय डुंगरपुरिया
निवासी : मनीनगर, अहमदाबाद (गुजरात)

घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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