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साजन कब आओगे?

अंजनी कुमार चतुर्वेदी “श्रीकांत”
निवाड़ी (मध्य प्रदेश)
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कब आओगे साजन मेरे, तुमको प्यार बुलाता?
बिना तुम्हारे मेरे जी में, पलभर चैन न आता।
बारिश में आने की कह कर, मुझको समझाया था।
नहीं भूलता प्यार तुम्हारा, जो तुमसे पाया था।

पेड़ों पर झूलों में सखियाँ, साथ पिया के झूलें।
मुझको तो तेरी बाहों के, झूले कभी न भूलें।
बारिश बीती, जाड़ा आया, पर तू लौट न आया।
विरह व्यथा में डूबे मन को, मैंने यह समझाया।

तेरे इंतजार में साजन, आँखें भी पथराईं।
जाड़ा बीता बिना तुम्हारे, पलकें झपक न पाईं।
पवन बसंती चली सुहानी, मेरा मन हर्षाया।
तेरे बिना मोर, कोयल का, स्वर संगीत न भाया।

ज्येष्ठ मास के लंबे दिन भी, मेरी पीर बढ़ाते।
विरह अग्नि पर, गर्मी के दिन, लगता बदन जलाते।
कब आओगे सजन मेंरे, पाती लिख बतला दो?
अब बारिश आने वाली है, प्यार मेघ बरसा दो।

परिचय :अंजनी कुमार चतुर्वेदी “श्रीकांत”
निवासी : निवाड़ी (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : एम.एस.सी एम.एड स्वर्ण पदक प्राप्त
सम्प्रति : वरिष्ठ व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक २ निवाड़ी
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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