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राम नाम की ज्योति

प्रतिभा दुबे “आशी”
ग्वालियर (मध्य प्रदेश)

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राम नाम की सहर्ष इस ज्योति को
हृदय में जगाए रखना तुम !
आंगन को अपने सुंदर पुष्पों से
मधुबन सा सजाए रखना तुम।।

मर्यादा में रहकर सम्मान
मिला हैं मेरे श्री राघव को !
प्राण प्रतिष्ठा फिर से होगी
घर अयोध्या बनाएं रखना तुम।।

राम लला के रूप में देखो
राघव फिर से विराजेंगे,
अयोध्या नगरी पावन होगी
वे जन-जन के बीच पधारेंगे।।

धन्य धन्य है वह मनुज बहुत
जो अयोध्या में ही जन्म लिए,
राम नाम के छांव में रहकर
निर्धन भी जैसे धन्य धनवान हुए।।

कई वर्षो तक संघर्ष चला है
अपने ही अस्तित्व के लिए,
राम नाम जिसने न जाना
वह पापी अब दूर हुए।।

देखो पुण्य प्रताप बहुत है
राम नाम के जाप में
सत्य सनातन जीत हुई है
कलयुग के भी इस राज में।।

धन्य धन्य वह कार सेवक है,
जिन्होंने जान की बाजी लगा दी थी!
भगवा पहन राम नाम के खातिर
जान भी दाव पर लगा दी थी।।

प्रभु शरण में जो आए वह राम
नाम से सरयू भूमि तक पहुंचे हैं!
बड़ा कठिन भक्ति मय सफलता से
जो राम नाम से हृदय सीचे हैं।।

एक निवेदन मेरा है
मेरे प्रभु श्री राम से,
कृपा बनाए रखना अब
ऐसे ही भारत धाम पर।।

२२जनवरी प्राण प्रतिष्ठा पुनः
हो रही अयोध्या नगरी भारत में,
दीप प्रज्ज्वलित घर-घर होंगे,
ये होगा श्री राम पर्व विश्व भर में।।

परिचय :-  श्रीमती प्रतिभा दुबे “आशी” (स्वतंत्र लेखिका)
निवासी : ग्वालियर (मध्य प्रदेश)
उद्घोषणा : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।

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