Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

नव्य वर्ष

विजय गुप्ता “मुन्ना”
दुर्ग (छत्तीसगढ़)
********************

ग्यारह महिने दौड़ती,
सबकी अपनी रेल।
नवल माह पूरा करे,
अंतिम वाला खेल।।

सुंदर शोभा पलक पर,
रखना सदा जरूर।
बूंद पत्ते अवसान से,
निज स्थल होते दूर।।

सबक पड़ोसी माह से,
मिल जाता हर बार।
दिसंबर को पछाड़ता,
नवल साल संसार।।

दुर्गम पथ नदिया चले,
अनुपम दे उपहार।
वक्त घड़ी चलती सरल,
अनुभव मिले अपार।।

खो देने का भय रहे,
याद बिदा का मोल।
बूढ़ा वक्त दरक रहा,
नूतन परतें खोल।।

चूके समय बहाव में,
परिणिति भी अनजान।
अहम आहुति बता रहा,
भूल गए अनुमान।।

खुशियाँ पल संयोग से,
जब भी खोले द्वार।
भुलवाए संताप का,
भारी भरकम भार।।

स्नेहयुक्त संसार में,
पल पल जीवन खास।
चाहत रंगत ही सदा,
हरदम रखना पास।।

संकट मोड़ खड़ा मिले,
अनर्थ भी तैयार।
पकड़ नहीं तकदीर पे,
कहता दिल आगार।।

आवागमन युक्ति चले,
नूतन समझो अर्थ।
सुंदरतम उपयोग हो,
लेश मात्र ना व्यर्थ।।

भावुक भाषा भंगिमा,
भरसक भरता भाल।
चहके चाल चलन चक्षु,
चित्त चले चौपाल।।

निज हित से बढ़कर रहे,
हित समाज आधार।
सनातन का नव्य वर्ष,
राम दिव्य घर द्वार।।

परिचय :- विजय कुमार गुप्ता “मुन्ना”
जन्म : १२ मई १९५६
निवासी : दुर्ग छत्तीसगढ़

उद्योगपति : १९७८ से विजय इंडस्ट्रीज दुर्ग
साहित्य रुचि : १९९७ से काव्य लेखन, तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल जी द्वारा प्रशंसा पत्र
काव्य संग्रह प्रकाशन : १ करवट लेता समय २०१६ में, २ वक़्त दरकता है २०१८
राष्ट्रीय प्रशिक्षक : (व्यक्तित्व विकास) अंतराष्ट्रीय जेसीस १९९६ से
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *