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नववर्ष

डॉ. किरन अवस्थी
मिनियापोलिसम (अमेरिका)

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अंतिम सप्ताह दिसंबर का
एक जनवरी को यों तांक रहा
विजय पताका सा व्यक्तित्व
ज्यों झांक रहा अपने शैशव को,
अपने यौवन की तरुणाई को
खेल लड़कपन के,
स्वप्न किशोरावस्था के
चुनाव, तनाव,
भटकाव जीवन के
पतझड़ के पत्तों का झरण
नव पल्लव का आगमन
करते चलते लो
आ गया अंतिम चरण
शिथिल तन किंतु सुस्मित मन
अब मुझको भी जाना है
मेरे जीवन की अमराई को
मेरी संतति को दोहराना है
हर वर्ष ने स्वयं को दोहराया है
नवजात शिशु की
नन्ही चितवन सा
जगमग करता
मुस्काता सा
नया वर्ष फिर
आया है।

परिचय :- डॉ. किरन अवस्थी
सम्प्रति : सेवा निवृत्त लेक्चरर
निवासी : सिलिकॉन सिटी इंदौर (मध्य प्रदेश)
वर्तमान निवासी : मिनियापोलिस, (अमेरिका)
शिक्षा : एम.ए. अंग्रेजी, एम.ए. भाषाविज्ञान, पी.एच.डी. भाषाविज्ञान
सर्टिफिकेट कोर्स : फ़्रेंच व गुजराती।
पुनः मैं अपने देश को बहुत प्यार करती हूं तथा प्रायः देश भक्ति की कविताएं लिखती हूं जो कि समय की‌ मांग भी‌ है। आजकल देशभक्ति लुप्तप्राय हो गई है। इसके पुनर्जागरण के लिए प्रयत्नशील हूं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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