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गुंजलक

शांता पारेख
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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एक बिटिया को, उसकी भुआ ने बताया तू जब छोटी थी तुझे बाल्टी में बिठा के नहला देते, गर्मी की छुट्टियां होती तो, तुम बाहर निकलने को तैयार ही नही होती, एक बार बाहर निकालने को तेरे ऊपर पानी उछाला तो बहुत रोई बहुत रोई हम समझ नही सके तुझे क्या हो गया। वही लड़की बड़ी होकर पानी से बहुत डरती थी। कोई नदी तालाब झरना दिख जाता तो आंख बंद कर लेती। पिकनिक पे सब नहाते तब भी वह बाहर खड़ी रहती थी। बस बरसात से कोई परहेज न था। बाद में उसके सिवा सबने तैरना भी सीख लिया। विवाह के बाद हनीमून पे पहाड़ गई तो भी उसके पति आश्चर्य में थे कि झरना देख आंख बंद क्यों कर लेती हो, बोटिंग भी नही की, उनको बड़ा अजीब लगा क्यों कि ट्रिप में अधूरा पन जो था। दो तीन वर्ष बाद पीहर के विवाह समारोह में रात की महफ़िल में वही बाल्टी वाला किस्सा भुआजी ने सुनाया, पति को एकदम रहस्य पकड़ में आया, मनोचिकित्सक से मिले उनसे तीन चार सिटींग की, अब वही डरने वाली लड़की खूब होली खेलती, व पिकनिक पानी के मज़े लेती। बचपन का कौनसा वाकया बच्चे के दिल में कैसे बैठ जाएगा। उस ग्रंथि का असर कितना गहरा होगा कोई नही जान सकता। इसलिए कभी किसी व्यक्ति का व्यवहार विचित्र हो तो उससे संबंध तोड़ने या प्रताड़ित करने से पहले उसके बचपन मे जरूर झांको।चोट बाहरी तो समय से ठीक हो जाती, पर अंदर सांप की तरह कुंडली मार के क्या बैठा है उसको समझ दारी से समाधान करें विशेष कर दाम्पत्य जीवन मे अपेक्षाएं इतनी होती कि समझने के पहले दरारें पड़ने लगती है, दुखद परिणाम तक कोई रिश्ता न पहुंचे। बिल्कुल सामान्य दिखने व हर तरह से अच्छे होने के बाद भी कोई विशेष स्थिति को संभालने का प्रयास जरूर करे। मन एक गुंजलक जैसा है किस घटना का कितना दूरगामी प्रभाव होगा कोई एक नियम नही हो सकता, पर फल है तो जड़ हॉगी ही। जड़ तक जरूर जाए, कोई भी निर्णय से पहले ताकि बाद में पछतावा न हो एक सफल इंजीनियर जानता है कि बन्द मशीन में हथौड़ी कहा मारनी है, जिससे मशीन अपने पूरे वेग से चले। इंजीनियर बने जज नही, निर्माता बड़ा होता है, दोस्ती हो या कोई बॉस अन्य कोई संबंध एक अच्छे व्यक्ति को संभालने वाले ही दुनिया में समझदार माने जाते है। बाकी तोड़ने डुबाने वाले तो बहुतायत में मिल ही रहे है। समझदारी से रिश्ते संभालना सबके नसीब में नही होता।समझ का विकास करे। पूजे जाएंगे गारंटी है।

परिचय : शांता पारेख
निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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