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चांँद लगती हो तुम

रामेश्वर दास भांन
करनाल (हरियाणा)
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मेरी परवाह करती
हो तुम हर रोज़,
रखती हो व्रत
करती हो तुम दुआ,

मैं जीता रहूंँ उम्र
भर स्वस्थ रहूंँ,
प्यार करूंँ तुझ
से तेरे साथ रहूंँ,

मैं भी रखता हूंँ
हर-पल ख़्याल तेरा,
तूं कुछ पल ना दिखे
हो जाता है बेहाल मेरा,

सजना-संवरना और
करना नखरे तेरा,
और खूबसूरत बनाता
है ये हुस्न तेरा,

मुझे तो हर रोज़ ही
चांँद लगती हो तुम,
साथ रहकर रोशन
जीवन कर देती हो तुम

परिचय : रामेश्वर दास भांन
निवासी : करनाल (हरियाणा)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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