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करवाचौथ मनाव रे

सरला मेहता
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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करवाचौथ मनाओ रे
चालो धीरे-धीरे
चालो धीरे-धीरे,
सखी री चालो धीरे-धीरे

लाल-लाल लुगड़ो,
असमानी पोलको
माथे टीको नाक
माय नथनी
चुड़लो चमचम,
नौलखी हरवो
गजरा री
कलियाँ बिखरे रे
चालो धीरे-धीरे

हाथे सजी है
पूजा नी थाली
माटी रो करवो,
चाँदी री छलनी
दिवड़ो री
ज्योति दमके रे
चालो धीरे-धीरे

करवाचौथ री रात
बी आई गई
सासू बई ने प्रेम से
सरगी सजाई
मेहँदी भर्या
दोई हाथ रे
चालो धीरे-धीरे

सौलह सिंगार म्हारा
पियाजी लाया
चाँद री वाट जोऊँ,
सखियाँ बी आई गई
म्हारो चाँद तो
म्हारा साथ रे
चालो धीरे-धीरे

दो-दो चाँद म्हारे
आँगने उतर्या
ऊ चाँद तो
घटतो ने बढतो
म्हारो चाँद तो
सदा मुस्काय रे
चालो धीरे-धीरे

करवाचौथ मनाव रे
सखी चालो धीरे-धीरे

परिचय : सरला मेहता
निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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