Friday, November 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

बुढ़ापा

प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे
मंडला, (मध्य प्रदेश)
********************

गुज़रा ज़माना नहीं,
वर्तमान भी होता है बुढ़ापा,
सचमुच में चाहतें,
अरमान भी होता है बुढ़ापा।

केवल पीड़ा, उपेक्षा,
दर्द, ग़म ही नहीं,
असीमित, अथाह सम्मान
भी होता है बुढ़ापा।

ज़िन्दगी भर के समेटे
हुए क़ीमती अनुभव,
गौरव से तना हुआ
आसमान भी होता है बुढ़ापा।

पद, हैसियत, दौलत,
रुतबा नहीं अब भले ही,
पर सरल, मधुर, आसान
भी होता है बुढ़ापा।

बेटा-बहू, बेटी-दामाद,
नाती-पोतों के संग,
समृध्द, उन्नत ख़ानदान
भी होता है बुढ़ापा ।

मंगलभाव, शुभकामनाएं,
आशीष, और दुआएं,
सच में इक पूरा समुन्नत
शुभगान भी होता है बुढ़ापा।

घुटन, हताशा, एकाकीपन,
अवसाद और मायूसी,
गीली आँखें पतन,
अवसान भी होता है बुढ़ापा ।

संगी-साथी, रिश्ते-नाते,
अपने-पराये मिल जायें यदि,
तो खुशियों से सराबोर
महकता सहगान भी होता है बुढ़ापा।

परिचय :- प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे
जन्म : २५-०९-१९६१
निवासी : मंडला, (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : एम.ए (इतिहास) (मेरिट होल्डर), एल.एल.बी, पी-एच.डी. (इतिहास)
सम्प्रति : प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष इतिहास/प्रभारी प्राचार्य शासकीय जेएमसी महिला महाविद्यालय
प्रकाशित रचनाएं व गतिविधियां : पांच हज़ार से अधिक फुचकर रचनाएं प्रकाशित
प्रसारण : रेडियो, भोपाल दूरदर्शन, ज़ी-स्माइल, ज़ी टी.वी., स्टार टी.वी., ई.टी.वी., सब-टी.वी., साधना चैनल से प्रसारण।
संपादन : ९ कृतियों व ८ पत्रिकाओं/विशेषांकों का सम्पादन। एम.ए.इतिहास की पुस्तकों का लेखन
सम्मान/अलंकरण/ प्रशस्ति पत्र : देश के लगभग सभी राज्यों में ७०० से अधिक सारस्वत सम्मान/ अवार्ड/ अभिनंदन। म.प्र.साहित्य अकादमी का अखिल भारतीय माखनलाल चतुर्वेदी अवार्ड (५१०००/ रु.)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *