Sunday, November 24राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

स्वतंत्रता दिवस मनाएँ हम

शैलेन्द्र चेलक
पेंडरवानी, बालोद, (छत्तीसगढ़)
********************

स्वतंत्रता दिवस मनाएँ हम,
वीरो के गुण गाये हम,
दासता मिटाने जान गवां दिए जो,
उन पर बलि – बलि जाएं हम,
स्वतंत्रता …

थी कभी सोने की चिड़िया,
सजी-धजी सी इक गुड़िया,
फूट डालकर फिरंगियों ने,
लगा दी दासता की बेड़ियां,
अब बेड़ियाँ तो टूट गए,
पर भाईचारा छूट गए?
आओ मिलजुलकर
अमन फैलाये हम,
स्वतंत्रता …

चुनौती हर दशक में नया-नया,
कभी गरीबी होती नही बयां,
कभी आधुनिकता के अंधे,
भ्रष्टाचार-घूसखोरी धंधे,
कुछ नेक बंदे हैं,
कुछ राजनीति वश गंदे है ,
गंदगी दूर भगाए हम,
स्वतंत्रता …

रोजगार की मारामारी है,
कहीं कालाबाजारी है,
किसान मजदूर हो चला,
उनकी विवशता लाचारी है,
नई सोच से सबके हित,
स्वरोजगार सृजाएँ हम,
स्वतंत्रता …

सीमा पर युद्व विराम नही,
सेना को आराम नही,
पड़ोसी नासमझ, न समझे तो,
चुप रहना काम नही,
सेना को और सबल बनाये हम,
दुश्मन को सबक सिखाये हम,
स्वतंत्रता …

अमन का दूत रहा भारत,
शांति अवधूत रहा भारत,
फैलाए जग में जो मानवता,
प्रेम मजबूत रहा भारत,
प्रेम बढ़ाकर, जग में छा जाएं हम,
स्वतंत्रता …

परिचय : शैलेन्द्र चेलक
निवासी : पेंडरवानी, बालोद, (छत्तीसगढ़)


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें...🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *