Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

ऐ नारी

कुंदन पांडेय
रीवा (मध्य प्रदेश)

********************

मेरा विचार है ऐ नारी,
अपना परचम लहराना तुम।

पथ के इन कंकड़ पत्थर से,
क्षण भर भी ना कतराना तुम।

हर कदम बढ़ाने से पहले,
अपने सुविचार बढ़ाना तुम।

मेरा विचार है ऐ नारी,
अपना परचम लहराना तुम।

कथनी करनी सब अपनी हो,
सत मार्ग वही अपना ना तुम।

कोई मिटा सके ना हल्के से,
ऐसे निशान दे जाना तुम।

मेरा विचार है ऐ नारी,
अपना परचम लहराना तुम।

अपनी ही करुण क्यारियों में,
खुद पुष्प सुमन बन जाना तुम।

हिंसक पशुओं से बचने को,
खुद कांटे भी दिखलाना तुम।

मेरा विचार है ऐ नारी,
अपना परचम लहराना तुम।

परिचय :-  कुंदन पांडेय
निवासी : रीवा (मध्य प्रदेश)
उद्घोषणा : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *