Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

क्षण- बोध

डॉ. छगन लाल गर्ग “विज्ञ”
आकरा भट्टा, सिरोही (राजस्थान)
********************

आह उर संवेदना को पालता हूँ !
दर्द की हर आग जलना चाहता हूँ !!

खो गयी घनघोर रातें वासना में !
स्वप्न टूटे मोम से लो कामना में !
राग की मृदु वर्तिका- सी याचना में !
भ्रांत मारुत घोलता विष साधना में !
दीप भीतर का जलाना चाहता हूँ !
दर्द की हर आग जलना चाहता हूँ !!

रिश्तों की अब बात बस अंगार जैसे!
स्वार्थ में सब भूलते अपनत्व कैसे !
लोग बन बेशर्म हो उन्मत्त ऐसे !
फैंकते हर बोल बन प्रस्तर जैसे !
कोख की हर छाँव पलना चाहता हूँ !
दर्द की हर आग जलना चाहता हूँ !!

कोन है जो थपकियाँ दे वेदना में !
बोल दे दो बोल मीठे चेतना में !
व्यर्थ रिश्ते- वासना संवेदना में !
अर्थ गहरे कह सके नवचेतना मेें !
हूँ अकेला ही सदा यह जानता हूँ !
दर्द की हर आग जलना चाहता हूँ !!

कब कहूँगा प्यार से संतुष्ट हूँ मैं !
जागता हूँ स्वप्न में रस मुक्त हूँ मैं !
त्यागना जग चाहता अवधूत हूँ मैं !
तूलिका बन लिख रहे सब पृष्ठ हूँ मैं !
भावना की लौ जलाना चाहता हूँ !
दर्द की हर आग जलना चाहता हूँ !!

सिंधु का विस्तार घन में व्यस्त ठहरा!
दौड़ता सा प्राण का चिर प्यास पहरा!
मोह के संसार का निश्वास गहरा !
आँसुओं से सिक्त क्यों संसार ठहरा !
ध्वंस जीवन सत्य कहना चाहता हूँ !
दर्द की हर आग जलना चाहता हूँ !!

परिचय :- डॉ. छगन लाल गर्ग ‘विज्ञ’
पिता : श्री विष्णु राम जी
जन्म : १३ अप्रैल १९५४
जन्म स्थान : गांव-जीरावल, तहसील-रेवदर, जिला-सिरोही (राजस्थान)
सम्प्रति : से.नि. प्रधानाचार्य, माध्यमिक शिक्षा विभाग, (राजस्थान)
प्रकाशित कृति/रचनाएँ : ‘विज्ञ विनोद कुंडलियाँ’, ‘विज्ञ छंद साधना’, ‘छगन सवैया छंद’, ‘नैसर्गिक चिंतन के विविध बिंब।, ‘निबंध संग्रह’, सहित कुल १० काव्य संग्रह एवं साझा काव्य संग्रह – लगभग ३८
सम्मान : विद्या वाचस्पति मानद उपाधि एवं अनेकों सम्मान
वर्तमान पता : आकरा भट्टा, शांतिवन, आबूरोड जिला-सिरोही (राजस्थान)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें...🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *