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स्वास्थ्य के प्रति हम कितने सजग

अमिता मराठे
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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“मानव प्राणी का स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है”
देह की सुरक्षा एक प्रमुख कर्तव्य है। देही का सुरक्षा कवच है। सदा स्मृति में रहे कि मैं देही इस काया रुपी मंदिर में विराजमान हूं। शरीर के शीर्ष स्थान पर दोनों भृकुटी के बीच अकाल तख्त पर बैठी हूं। शरीर के समस्त कर्म इन्द्रियों की राजा हूं।
“जब आत्मा स्वस्थ हैं तब तन पर शासन भी स्वस्थ होगा।” हमारा प्रश्न है हम स्वास्थ्य के प्रति कितने सजग है तो समझना होगा “स्वास्थ्य ही शारीरिक, मानसिक, सामाजिक कल्याण की स्थिति है। “क्योंकि मुझे उसमें रहना है। लेकिन वातावरण परिस्थितियां, परम्पराएं बहुत तेजी से बदल रही है। जो स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं है। लेकिन बाल, युवा वृध्द प्रदूषित वायुमंडल से गहराई से प्रभावित हो रहा है। वह भूल चुका है कि मैं कौन, कहां से आती हूं, क्या करना है। अज्ञान अंधेरे में भटकते स्वास्थ्य अनेक विसंगतियों की चपेट में आ गया है।
इंसान का खान-पान, रहन-सहन, घूमना फिरना सभी स्वास्थ्य के अनुसार नहीं होने के कारण अनेक बीमारियों ने जन्म लिया है। कार्य व्यस्तता भी एक महत्वपूर्ण कारण है। आधुनिक तकनीकी युग की नवीनता का आकर्षण भी इंसान को भूल भुलैया में ले गया है।
धर्म ही श्रेष्ठ शक्ति होती है। लेकिन अपने स्वास्थ्य की चिंता न करते हुए अपने धर्म को भूल अधर्म पथ पर चलने वाले इंसान को ही याद दिलानी पड़ती है कि स्वास्थ्य के प्रति सजग होकर सनातन दैवी धर्म के अनुसार चलो।
वक्त की पुकार है ब्राह्म मुहूर्त से लेकर रात्रि तक शरीर को स्वयं के आर्डर प्रमाण चलाओ। अपने घर ब्रह्म तत्व से यहां भेजते समय आत्माओं के पिता परमात्मा ने सभी नियमावली भी समझाई, लेकिन रावण और माया के वशीभूत होकर इंसान सब भूल जाता है। इसीलिए परमसत्ता धारी परमात्मा की शक्ति को पहचान कर चलने पर हम सहज ही स्वास्थ्य के प्रति सजग रह सकेंगा।

परिचय :- अमिता मराठे
निवासी : इन्दौर, मध्यप्रदेश
शिक्षण : प्रशिक्षण एम.ए. एल. एल. बी., पी जी डिप्लोमा इन वेल्यू एजुकेशन, अनेक प्रशिक्षण जो दिव्यांग क्षेत्र के लिए आवश्यक है।
वर्तमान में मूक बधिर संगठन द्वारा संचालित आई.डी. बी.ए. की मानद सचिव।
४५ वर्ष पहले मूक बधिर महिलाओं व अन्य महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए आकांक्षा व्यवसाय केंद्र की स्थापना की। आपका एकमात्र यही ध्येय था कि महिलाओं को सशक्त बनाया जा सके। अब तक आपके इंस्टिट्यूट से हजारों महिलाएं सशक्त हो चुकी हैं और खुद का व्यवसाय कर रही हैं।
शपथ : मैं आगे भी आना महिला शक्ति के लिए कार्य करती रहूंगी।
प्रकाशन :
१ जीवन मूल्यों के प्रेरक प्रसंग
२ नई दिशा
३ मनोगत लघुकथा संग्रह अन्य पत्र पत्रिकाओं एवं पुस्तकों में कहानी, लघुकथा, संस्मरण, निबंध, आलेख कविताएं प्रकाशित राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था जलधारा में सक्रिय।
सम्मान :
* मानव कल्याण सम्मान, नई दिल्ली
* मालव शिक्षा समिति की ओर से सम्मानित
* श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान
* मध्यप्रदेश बधिर महिला संघ की ओर से सम्मानित
* लेखन के क्षेत्र में अनेक सम्मान पत्र
* साहित्यकारों की श्रेणी में सम्मानित आदि
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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