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एक प्रेम कहानी

रमाकान्त चौधरी
लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश)

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एक प्रेम कहानी तुम्हें सुनाऊँ।
सच्ची घटना तुम्हें बताऊँ।।

जिससे मेरी आँख लड़ी।
वो लड़की मुझसे खूब लड़ी।।

बेमतलब बोला करती है वो।
जहर उड़ेला करती है वो।।

सुन सुन कर थक जाता हूँ मैं।
हार के चुप हो जाता हूँ मैं।।

चुप देख मुझे चुप हो जाती है।
मेरी हार देख खुश हो जाती है।।

वो नखरे खूब दिखाती है।
मुझे देख के मुँह बिजकाती है।।

उसे देख के गुस्सा आता है।
फिर उससे मन चिढ़ जाता है।।

वो मुझको खूब चिढ़ाती है।
हँस के गैरों से बतियाती है।।

जब थक जाती खूब चिढ़ाने से।
तब बोले किसी बहाने से।।

जब उसको लगता क्रोधित हूँ मैं।
उसकी बातों से आहत हूँ मैं।।

झट से वह रो देती है।
गुस्से को मेरे धो देती है।।

मैं माफ उसे कर देता हूँ।
उसको बाहों में भर लेता हूँ।।

सब कहते लड़की भोली है।
बस कड़वी थोड़ी बोली है।।

मै मर जाता उसके भोलेपन पर।
वो मर जाती मेरे दीवानेपन पर।।

परिचय :-  रमाकान्त चौधरी
शिक्षा : परास्नातक
व्यवसाय : वकालत
निवासी : गोला गोकर्णनाथ, लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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