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धर्म और विज्ञान

माधवी तारे
लंदन
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धर्म: रक्षति रक्षित: ऐसा एक वाक् प्रचार है जिसका भावार्थ है धर्म ही धर्म की रक्षा करने वाले का रक्षण करता है। प्राचीन ग्रंथों और पुराणों ने यह बात सिद्ध करके दिखाई है। हमें उनकी चर्चा में आज नहीं पड़ना है। वास्तविक बात यह है कि ज्ञान विज्ञान और अध्यात्म या धर्म दोनों ही मनुष्य को आत्मोन्नति के मार्ग पर चलने में सहायक होते हैं। एक अंदर से या मन-मस्तिष्क से तो दूसरा भौतिकता से या बाह्य जगत के ज्ञान से, दोनों के रास्ते अलग-अलग हैं परंतु खोज उत्कर्ष अथवा स्व की उन्नति को ही महत्व है। सारांश यह है कि विज्ञान बाह्य रूप से और धर्म अंतर स्वरूप से ब्रह्मांड की खोज करने की कोशिश में लगे रहते हैं।
राक्षसों द्वारा डूबी पृथ्वी को धर्म ने संवारा तो उसका हर तरह से विकास करना विज्ञान में संभव कर दिखाने की ठानी है। कहां पैदल यात्रा भ्रमण करने वाले, कहां पैदा, कहां पैदल यात्रा भ्रमण करने वाला मनुष्य जीवित बच कर आने की उम्मीद भी नहीं करता था, आज विज्ञान की सहायता से आसानी से, समय से सुरक्षित आ जा सकता है। संपूर्ण पृथ्वी का चक्कर घर बैठे लगाने में सक्षम मानव आज अहम् ब्रह्मास्मि समझ गया है, तो हम पृथ्वियाः स्वर्ग करोस्मि-विज्ञान कहता है।
आज जन्म से मृत्यु तक संपूर्ण सृष्टि के प्राणिमात्र का जीवन धर्म और विज्ञान की बदौलत ही संवारा संभाला जा रहा है। वैवाहिक जीवन धर्म धागे पर संपन्न करके हम समझ गए हैं कि एक के साथ गठबंधन कर हम सुरक्षित स्वस्थ जीवन जी सकते हैं अन्यथा विज्ञान के अनुसार तन-मन बीमारियों का घर बन सकता है। स्वस्थ तन में स्वस्थ मन योग से ही सारा जा सकता है विज्ञान और धर्म से ही सिद्ध योग को आज वैश्विक स्तर पर गुरु मान रहा है। इतना ही नहीं उपवास का महत्व भी दोनों दृष्टि से मानव समझ गया है।
वह धार्मिक स्वभाव ज्योतिर्लिंग जैसे पवित्र स्थानों पर हम नतमस्तक होता है, वे सब वैज्ञानिक दृष्टि से एक ही अक्षांश पर मानव मन को शिव और शक्ति की अक्षरेखा पर विराजमान कर देते हैं, पूजा पाठ मंत्र सहित घूंट-घूंट पानी शरीर में जाने से रक्त संचरण उचित तरीके से हो सकता है, तो आरती के साथ-साथ घी में डूबी हुई बाती हमारी आंखों की कोमल नसों को उत्तेजित करती हैं। प्रसाद सेवन से संपूर्ण शरीर प्रासादिक हो जाता है पूजा के कारण होने वाला निसर्ग सानिध्य हमें लंबे जीवन का वरदान देता है करता है।
और कई उदाहरण देकर हम सिद्ध कर सकते हैं कि विज्ञान और धर्म के सानिध्य से ही हमें जीवन सफलता की कुंजी प्राप्त करवा देते हैं। हमें नालंदा और तक्षशिला की शिक्षा-दीक्षा को भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। ऋषि मुनियों ने विज्ञान और धर्म का सम तोल रखकर जीवन शैली को साकारित कर जनमानस के पटल पर अजर-अमर कर दिया है। तभी तो स्वामी विवेकानंद की शिष्या एनी बैसेंट ने कहा है कि Only Hinduism is rational.

परिचय :- माधवी तारे
वर्तमान निवास : लंदन
मूल निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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