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क्योंकि वो बस एक मजदूर है

क्योंकि वो बस एक मजदूर है

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रचयिता : शिवांकित तिवारी “शिवा”

पसीने से तर-बतर,
घर से निकल दोपहर,
जा रहा है..
उसका क्या कसूर है?
क्योंकि वो बस एक मजदूर है,
बस यहीं उसका कसूर है,

भूखा-प्यासा रात-दिन,
जेब खाली पैसों बिन,
वो करता जा रहा है काम,
एक पल न कर आराम,
सतत स्वेद से तन उसका भरपूर है,
क्योंकि वो बस एक मजदूर है,

बच्चों को है पालता,
परिवार को संभालता,
हर बला को टालता,
तकलीफों से है वास्ता,
उसका दुखभरा है रास्ता,
कड़ी मेहनत करने पर वह मजबूर है,
क्योंकि वो बस एक मजदूर है,

सुनता है वो जमाने के ताने,
न सुनता उसकी कोई न उसकी कोई माने,
न समझे उसको कोई न कोई उसको पहचाने,
मेहनत ईमानदारी से करता न कोई बहाने,
बच्चों को पढ़ाता,
न मेहनत करवाता,
उन्हें पढ़ा लिखा अच्छा ऑफ़िसर बनाता,
खुद भरी धूप में रिक्शा चलाता,
जख्म कितने सहता न किसी से बताता,
मजबूरी में करता मजदूरी मजदूर कहलाता,
कैसा किस्मत का खेल और कैसा दस्तूर है
क्योंकि वो बस एक मजदूर है,

मजबूती से वो खड़ा,
मुसीबतों से वो बड़ा,
चुनौतियों से वो लड़ा,
कभी नही वो डरा,
सच में उसका बस इतना ही कसूर है,
क्योंकि वो बस एक मजदूर है

 

लेखक परिचय :- शिवांकित तिवारी “शिवा” युवा कवि, लेखक एवं प्रेरक सतना (म.प्र.) शिवांकित तिवारी का उपनाम ‘शिवा’ है। जन्म तारीख १ जनवरी १९९९ और जन्म स्थान-ग्राम-बिधुई खुर्द (जिला-सतना,म.प्र.) है। वर्तमान में जबलपुर (मध्यप्रदेश) में बसेरा है। आपने कक्षा १२ वीं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है, और जबलपुर से आयुर्वेद चिकित्सक की पढ़ाई जारी है। विद्यार्थी के रुप में कार्यरत होकर सामाजिक गतिविधि के निमित्त कुछ मित्रों के साथ संस्था शुरू की है, जो गरीब बच्चों की पढ़ाई, प्रबंधन, असहायों को रोजगार के अवसर, गरीब बहनों के विवाह में सहयोग, बुजुर्गों को आश्रय स्थान एवं रखरखाव की जिम्मेदारी आदि कार्य में सक्रिय हैं। आपकी लेखन विधा मूलतः काव्य तथा लेख है, जबकि ग़ज़ल लेखन पर प्रयासरत हैं। भाषा ज्ञान हिन्दी का है, और यही इनका सर्वस्व है। प्रकाशन के अंतर्गत किताब का कार्य जारी है। शौकिया लेखक होकर हिन्दी से प्यार निभाने वाले शिवा की रचनाओं को कई क्षेत्रीय पत्र-पत्रिकाओं तथा ऑनलाइन पत्रिकाओं में भी स्थान मिला है। इनको प्राप्त सम्मान में-‘हिन्दी का भक्त’ सर्वोच्च सम्मान एवं ‘हिन्दुस्तान महान है’ प्रथम सम्मान प्रमुख है। आप ब्लॉग पर भी लिखते हैं। इनकी विशेष उपलब्धि-भारत भूमि में पैदा होकर माँ हिन्दी का आश्रय पाना ही है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-बस हिन्दी को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठता की श्रेणी में पहला स्थान दिलाना एवं माँ हिन्दी को ही आराध्यता के साथ व्यक्त कराना है। इनके लिए प्रेरणा पुंज-माँ हिन्दी, माँ शारदे, और बड़े भाई पं. अभिलाष तिवारी है। इनकी विशेषज्ञता-प्रेरणास्पद वक्ता, युवा कवि, सूत्रधार और हास्य अभिनय में है। बात की जाए रुचि की तो, कविता, लेख, पत्र-पत्रिकाएँ पढ़ना, प्रेरणादायी व्याख्यान देना, कवि सम्मेलन में शामिल होना, और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति पर ध्यान देना है।

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