Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

सुनो !! प्राणाधार!!!

निरूपमा त्रिवेदी
इंदौर (मध्य प्रदेश)
********************

सुनो !! प्राणाधार!!!
तुम्हारे स्नेहिल स्पर्श से
फूट पड़ते हैं मेरे मन में
प्रेम के नव अंकुर
स्नेहमयी रक्तिम कोपले
नवागत किसलयो पर
खिल उठते हैं परागमय सुमन
सुरभि से सुवासित मेरी सांसे
अधरो पर तुम्हारे मुस्कान चाहे

सुनो !! प्राणाधार!!
तुमसे जीवन की सार्थकता
तुमसे ही पाती मैं पूर्णता
तुम्हें हर्षित देखकर ही तो
सजती है अधरो पर मेरे
हर्ष भरी मधुरिम मुस्कान
गहराई अमराई देखकर ज्यो
कोकिल गा उठती है मधुर गान
अनुभूति होती है सुखद प्रियतम
ज्यो जीवन उत्सव- सा उल्लासमय

सुनो !! प्राणाधार!!!
सजा लो ना तुम भी मुखड़े पर अपने
प्रेम विश्वासमयी एक मधुर मुस्कान
तुम्हारी मुस्कान से सजता मेरा संसार
हाँ ! तुम्हारा प्रेम करता है मेरा श्रृंगार

परिचय :- निरूपमा त्रिवेदी
निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *